क्या किसी बड़ी घटना का इन्तजार कर रहा चन्दौली प्रशासन

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चंदौली प्रशासन की बंग्लादेशियों पर इतनी मेहरबानी क्यों, जानिये क्या है बंग्लादेशियों का गोरखपुर कनेक्शन, चंदौली जनपद के मुगलसराय में वर्षो से निवास कर रहे बंग्लादेशी परिवार पर कार्रवाई करने से आखिर क्यों कतरा रहा है चंदौली प्रशासन, सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान के आईएसआई से सम्बन्ध होने का साक्ष्य भी है मौजूद, तमाम जांच एजेंसियों के द्वारा किया गया जांच पड़ताल, परन्तु नतीजा निकला शून्य


चंदौली। देश में पूर्व में कई ऐसे आतंकी घटनायें घटित हो चुकी है, जिसे सोचने मात्र से ही दिल दहल उठता है और इन आतंकी घटनाओं में ना जाने कितने लोग अपनी जान भी गवां चुके है। इन सबके बीच विगत कुछ दिनों पूर्व कश्मीर में हुये आतंकी हमले में हमारे सेना के कई जवान व अधिकारी भी शहीद हो चुके है, जो जगजाहिर है।

वहीं यदि ताजा मामलों पर गौर करें तो अभी कुछ दिनों पूर्व कश्मीर के पहलगाम में जिस तरह से आतंकी हमले में 27 निर्दोष लोगों की नृशंश हत्या कर दी गयी और अपनी जान को गवां दिया, जिसे पूरा देश स्तब्ध है। वहीं भारत सरकार के द्वारा भारत में आये पाकिस्तान के निवासियों को देश छोड़ने के लिये मजबूर कर दिया गया, तो वहीं प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा अपराध व अपराधियों पर लगाम कसने के लिये जीरो टालरेन्स की बात कही जाती है, तो वहीं उन्हीं के मातहत कुछ मामलों में लापरवाही भी बरतते नजर आ रहे है।

ऐसा ही एक वाक्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे जनपद चंदौली के मुगलसराय में देखने को मिल रहा है। सूत्रों के अनुसार, जहां मुगलसराय थाना क्षेत्र के नईबस्ती महमूदपुर इलाके में विगत कई वर्षो से बंग्लादेशी घुसपैठिये (जिनका नाम जगजाहिर है) के द्वारा अपने परिवार के साथ निवास कर रहे है। वहीं सूत्र बताते है कि इन बंग्लादेशी परिवार के लोगों ने अपने एक पुत्री का विवाह भी पाकिस्तान में कर रखा है, जहां पर पाकिस्तान से संदिग्ध लोगों का आना जाना भी इनके यहां लगा रहता है।

जिससे पाकिस्तान के आईएसआई से भी सोशल मीडिया फेसबुक के माध्यम से इन लोगों के सम्बन्ध होने की बात बतायी जा रही है। वहीं इन सबके सम्बन्ध में बताया जाता है कि इसी क्षेत्र के निवासी एक पत्रकार के द्वारा इनके बंग्लादेषी होने व पाकिस्तान के आईएसआई से सम्बन्ध होने की शिकायत भी जनपद के उच्चाधिकारियों से की गयी, जिसकी जांच पुलिस विभाग, एलआईयू और अन्य जांच एजेंसियों से कराये जाने की बात प्रकाश में आयी, परन्तु यहां एक बात यह भी सोचनीय है कि बताया जाता है कि लगभग एक या डेढ़ साल से इन घुसपैठियों की जांच पुलिस और जांच एजेंसियों के द्वारा की जा रही है, परन्तु अभी तक कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लायी जा सकी।

क्या वाकई में जांच एजेन्सियां उक्त के सम्बन्ध में जांच कर कार्यवाही करना चाहती है या फिर सब कुछ ठण्डे बस्ते में चला जायेगा। वहीं दूसरी ओर बताया जाता है कि ये बंग्लादेशी घुसपैठिये भारी मात्रा में अवैध धन भी अपने पास रखे हुये है, जिसके दम पर ये लोग किसी को भी खरीदने की क्षमता रखते है। वहीं इस समाचार के माध्यम से हम शासन प्रशासन से इनके द्वारा प्राप्त किये गये अकूत सम्पत्ति के जांच की भी मांग करते है।

अब यहां सवाल यह है कि क्या इसी अवैध धन के बल पर सिर्फ जांच के नाम पर मामले को टरकाया जा रहा है और कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लायी जा रही है। वहीं सूत्र बताते है कि इन लोगों के द्वारा धनबल के बल पर काफी जमीनों आदि पर कब्जा करने के साथ ही प्रशासन के लोगों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी अपने कब्जे में कर लिया गया है जिसके बल पर ये लोग हर वो अनर्गल कार्य करते है, जिसे करने की अनुमति हमारे देश का कानून नहीं देता।

वहीं अगर बात की जाये तो ये बंग्लादेशी परिवार मुगलसराय के नईबस्ती महमूदपुर वार्ड नं. 6 में एक सार्वजनिक कुंए पर कब्जा कर अपना अवैध मकान बनाये हुये है, जिसके सम्बन्ध में वीडीए और अधिकारियों के द्वारा उक्त भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश भी दिया गया है, परन्तु अभी तक ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी विभाग के द्वारा नहीं की गयी।

वहीं बीते दिनों गुजरात सहित अन्य जनपदों में एटीएस के द्वारा ऐसे ही घुसपैठियों पर कार्यवाही की गयी जिनका सम्बन्ध पाकिस्तान के आईएसआई से रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या चंदौली प्रशासन पूर्व में वाराणसी या अन्य जगहों पर हुये घटनाओं की तरह ही चंदौली में भी किसी घटना के होने का इन्तजार कर रही है, कि घटनायें हो और फिर चंदौली प्रशासन इस पर कार्यवाही करने के लिये आगे आये।

जानिये क्या है बांग्लादेशियों का गोरखपुर कनेक्शन


वहीं दूसरी ओर सूत्र बताते है कि इसी परिवार का एक सदस्य प्रदेश के गोरखपुर में भी निवास कर रहा है, और गोरखुपर के बख्शीपुर थाना कोतवाली अन्तर्गत एमजीएस टेलीकाॅम अथोराइज्ड सर्विस सेन्टर नामक फर्म का संचालक है, (अब वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है) और जिसके द्वारा गोरखपुर के तमाम पुलिस बूथ और पुलिस चौकियों के माध्यम से अपने फर्म का प्रचार प्रसार करता है, साथ ही अपने चार पहिया वाहन पर पुलिस का मोनोग्राम लगाकर चलता है (जिसके सम्बन्ध में पूर्व में समाचार प्रसारित करने के बाद इनके द्वारा पुलिस निशान को अपने वाहन पर से हटा दिया गया है, परन्तु साक्ष्य के रूप में वो फोटो उपलब्ध है) और साधारण लोगों पर अपना रौब दिखाने का कार्य करता था।

बताते चले कि वाराणसी जनपद के पूर्व अपर पुलिस आयुक्त व चंदौली जनपद के पूर्व पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के द्वारा इसी जनपद चंदौली में अवैध तरीके से निवास कर रहे बांग्लादेशियों पर कार्यवाही करते हुये कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था और साथ ही हाईस्कूल के फर्जी प्रमाण पत्र, अंक पत्र व मतदाता पहचान पत्र को भी बरामद करने का कार्य किया गया था।

जिसके सम्बन्ध में विभिन्न सम्मानित समाचार पत्रों ने प्रमुखता से समाचार को प्रकाशित भी किया था, परन्तु अब ऐसा प्रतीत होता है कि चंदौली प्रशासन को सूचना मिलने के बाद सिर्फ जांच प्रक्रिया ही की जा रही है, और मूल कार्यवाही के नाम पर सब कुछ षून्य के बराबर नजर आ रहा है। फिलहाल तफ्तीश जारी है।

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