इस माफिया का नेटवर्क पुलिस पर पड़ रहा भारी, STF, क्राइम ब्रांच के छापे भी बेअसर

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आठ टीमें छापेमारी कर रही, सुराग नहीं, जमानतदारों ने भी जानकारी से किया इनकार, पुलिस की कानूनी रणनीति से माफिया पर दबाव

    गोरखपुर। माफिया सुधीर का नेटवर्क पुलिस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। खजनी क्षेत्र में हत्या की कोशिश के बाद उसकी तलाश में आठ टीमें छापेमारी कर रही हैं लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। 27 मई की रात को दावत में हुई घटना के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीन लोगों को हिरासत में लिया जिन्हें छोड़ दिया गया।

    अधिकारियों के निर्देश पर एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और खजनी पुलिस की टीमें एक सप्ताह से छापेमारी कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

    पुलिस ने सुधीर के करीबियों और परिजनों पर भी शिकंजा कसने की कोशिश की, लेकिन ये लोग भी समय रहते गायब हो गए। यहां तक कि सुधीर के जमानतदारों ने भी सहयोग से इनकार कर दिया और उसकी लोकेशन से अनभिज्ञता जताई है।

    पुलिस ने अब कानूनी रणनीति के तहत माफिया पर दबाव बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, जिस मामले में सुधीर को पूर्व में जमानत मिली थी, उसे निरस्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।दूसरी तरफ फरार चल रहे माफिया को खजनी थाने में दर्ज हुए हत्या की कोशिश के मुकदमे में जमानत दिलाने की प्रक्रिया उसके सहयोगियों ने शुरू कर दी है।

    न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी दी गई है जिस पर खजनी थाना पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है। एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने बताया कि माफिया व उसके साथियों की तलाश में छापेमारी चल रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

    जिले के टाप 10 व प्रदेश के 68 माफिया की सूची में शामिल सुधीर सिंह चकमा देने में माहिर है। लखनऊ व गीडा के कालेसर स्थित आवास पर छिपे होने की सूचना पर पुलिस ने छापा डाला लेकिन वह नहीं मिला।

    परिवार के लोग भी गायब थे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है,पहले भी होता रहा। मुकदमे में नाम आने के बाद माफिया की तलाश शुरू हुई, आखिर में उसने चकमा देकर न्यायालय में बड़े आराम से आत्मसमर्पण कर दिया।

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