अहमदाबाद प्लेन क्रैश में इकलौते बचे युवक ने सुनाई आपबीती, बताया कैसे मर रहे थे सहयात्री

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अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से बच गए 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय विश्वाश कुमार रमेश अभी भी सदमे में हैं और कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि वे कैसे बच गए।

गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए दिल दहला देने वाले एयर इंडिया विमान हादसे में जहां 265 लोगों की जान चली गई, वहीं एक 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय नागरिक विश्वास कुमार रमेश ने चमत्कारिक रूप से अपनी जान बचा ली। हादसे के बाद अस्पताल में भर्ती विश्वास कुमार से शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की, वे घायलों से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे।

हादसे के बाद मीडिया से बात करते हुए विश्वास ने दूरदर्शन को बताया कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं कैसे बच गया। कुछ क्षणों के लिए लगा कि अब मेरी मौत निश्चित है, लेकिन जब आंख खुली तो देखा कि मैं जिंदा हूं। मैंने सीट बेल्ट खोली और बाहर निकल आया।

विश्वास कुमार की सीट 11A थी, जो आपातकालीन दरवाजे (Emergency Exit) के ठीक पास थी। बताया जा रहा है कि जब विमान हॉस्टल से टकराया, तब यह दरवाजा ढीला हो गया और वहीं से वह किसी तरह नीचे जमीन के पास गिर गए। उन्होंने बताया, मैं ग्राउंड फ्लोर के पास था, जहां थोड़ी जगह थी। वहीं से बाहर निकल सका। सामने की दीवार की ओर से शायद कोई नहीं निकल पाया।

हादसे के कुछ ही क्षण बाद आग लग गई, जिससे उनके हाथ झुलस गए। अपनी आंखों के सामने हुई भयावह मौतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मेरी आंखों के सामने दो एयर होस्टेस और कई लोग मरते गए। बोलते-बोलते वह गला भर आया और वे अपने आंसू रोक नहीं सके।

विश्वस ने बताया कि टेकऑफ के एक मिनट बाद ही कुछ अजीब महसूस हुआ। उन्होंने कहा, ऐसा लगा जैसे प्लेन अटक गया हो। फिर अचानक हरे और सफेद लाइटें जलीं। पायलटों ने शायद ऊपर उठाने की कोशिश की, लेकिन प्लेन सीधे तेज गति से जाकर इमारत से टकरा गया।

एयर इंडिया की यह ड्रीमलाइनर फ्लाइट लंदन जा रही थी, जिसमें कुल 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर (2 पायलट सहित) सवार थे। विमान में भारी मात्रा में ज्वलनशील एविएशन फ्यूल मौजूद था, जिससे टक्कर के बाद भयंकर आग लग गई। कई घंटे तक धधकती आग और काले धुएं की लपटें दूर-दूर तक देखी गईं।

विमान अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया, जिससे वहां भी भारी जनहानि हुई। हादसे में कम से कम पांच एमबीबीएस छात्र, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और एक सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी की जान चली गई। इसके अलावा 60 से ज्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स घायल हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना को लेकर गहरा शोक जताया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, यह त्रासदी शब्दों से परे है। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं। शुक्रवार सुबह उन्होंने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल में घायलों से मुलाकात की।

फ्लाइट में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। हादसे के बाद अब तक आधिकारिक मृतकों की गिनती पूरी नहीं हो पाई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि डीएनए परीक्षण के बाद ही अंतिम आंकड़ा सामने आएगा। यह हादसा न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर देने वाला रहा, जिसमें एक तरफ कई परिवारों ने अपनों को खोया, तो दूसरी ओर कुछ लोग जैसे विश्वस कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से जीवन लेकर लौटे।

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