कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरकारी अफसरों के बीच आपसी मतभेद की खबरें आ रही हैं। कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। डीएम ने सीएमओ को जिले से हटाने और कार्रवाई के लिए दो पत्र लिखे थे।
इसके साथ ही सीएमओ के नाम से जिलाधिकारी पर आपत्तिजनक ऑडियो वायरल हुए थे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान का एक पत्र सामने आया है। विधानसभा अध्यक्ष ने डिप्टी सीएम व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में सीएमओ के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें कानपुर में रखे जाने पर विचार करने को कहा गया है।
विधानसभा अध्यक्ष का पत्र वायरल होने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं। डीएम ने सीएचसी, पीएचसी, कांशीराम अस्पताल के निरीक्षण में मिली खामियों में सुधार नहीं करने और डाक्टरों के तबादले में मनमानी करने पर सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई करने, उन्हें जिले से हटाने के लिए पत्र लिखा था। डीएम को लेकर सीएमओ के नाम से तीन ऑडियो वायरल हुए थे। डीएम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी।
शनिवार को नवीन सभागार में निर्माण कार्य और सीएम डैश बोर्ड की बैठक से डीएम ने सीएमओ को निकाल दिया था। सीएमओ ने खुद इसकी पुष्टि की थी। इसके बाद से मामला गरमाया हुआ है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष के पत्र से मामले में नया मोड़ आ गया है। डिप्टी सीएम को लिखे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि सीएमओ का कार्य एवं व्यवहार आम जनता और जनप्रतिनिधियों के प्रति सौम्य और सराहनीय है।
विधानसभा अध्यक्ष का इस मामले को लेकर कहना है कि सीएमओ अच्छा कार्य कर रहे हैं। इसलिए उन्हें कानपुर में बनाए रखने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन पत्र लिखने से पहले मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि डीएम ने कोई शिकायत की है।
वहीं, सीएमओ का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से मेरे लिए लिखा गया पत्र मेरे कार्य का प्रमाणित करता है। मैने हमेशा अपना काम ईमानदारी से किया है। आगे भी करते रहूंगा। जब से शहर में आया हूं, कुछ लोगों की साजिश का शिकार हो रहा हूं। डीएम साहब को कुछ लोगों ने गलत जानकारी देकर मेरे खिलाफ किया है।