यहां ध्वस्तिकरण तो छोड़िये साहब, एक मंजिल और बन गया

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वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा कई बार सील होने के बावजूद भी नहीं रूक रहा सीके 43/164 में अवैध निर्माण


एक और मंजिल बनकर हुआ तैयार, वीडीए या भवन स्वामी कौन है जिम्मेदार ?


वाराणसी। वाराणसी विकास प्राधिकरण के द्वारा अवैध निर्माणों के खिलाफ जारी कार्रवाईयों को ठेंगा दिखाते हुये शहर में बिल्डरो व भवन स्वामियों के द्वारा अवैध निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसके जिम्मेदार कौन है, ये तो वाराणसी का विकास प्राधिकरण ही जाने। इसमें कोई आशंका नहीं कि इन सबके पीछे विकास प्राधिकरण के ही अधिकारी व कर्मचारी ही जिम्मेदार है। अन्यथा किसी बिल्डर या भवन स्वामी की हिम्मत नहीं है कि कई बार सील हो चुके भवन पर अवैध निर्माण करवाता रहे।

बताते चले कि जनपद के थाना चैक क्षेत्र में आने वाले व वाराणसी विकास प्राधिकरण के चैक वार्ड के भवन संख्या सीके 43/164 गोविन्दपुरा कलां दालमंडी रोड की। जहां भवन स्वामी व बिल्डर के द्वारा अवैध निर्माण कराया जा रहा है। सूत्र बताते है कि विकास प्राधिकरण में अपनी सेटिंग के बल पर बिल्डर भवन स्वामी के द्वारा अवैध निर्माण संकरी गली में अण्डर ग्राउण्ड सहित कराया जा रहा है।

बताते चले कि भवन संख्या सीके 43/164 को जब वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 13 मई 2025 को सील किया तो वाराणसी विकास प्राधिकरण के द्वारा समस्त जिम्मेदारो को इसकी सूचना पत्राचार के द्वारा कर दिया गया था कि उक्त निर्माण अवैध रूप से हो रहा है जिसको जी़3 पर सील कर दिया गया है। विकास प्राधिकरण के द्वारा जारी पत्रांक संख्या सीके 31/23/(नो)वि0प्रा0/भवन (जोन-3) जिसकी प्रति हमारे पास सूत्रों के माध्यम से उपलब्ध है, से प्राप्त जानकारी जो चैकाने वाली है। यही नहीं इस पत्रांक का अवलोकन करे तो एक गंभीर अपराध का भी वाराणसी विकास प्राधिकरण इस पत्र के जरिये खुलासा करता है।

वाराणसी विकास प्राधिकरण के द्वारा जारी यह पत्रांक संख्या सीके 31/23/(नो)वि0प्रा0/भवन (जोन-3) में स्पष्ट बताया गया है कि विकास प्राधिकरण के द्वारा इस अवैध निर्माण को रोकने हेतु पहले अधिनियम 19(3) के तहत नोटिस 14 मार्च 2024 को जारी किया गया था। जिसके बाद भी बिल्डर के द्वारा यह अवैध निर्माण नहीं रोका तो भवन सील कर दिया गया। इस पत्र में उल्लेखित है कि दिनांक 5 अप्रैल 2024 और पुनः दिनांक 2 मई 2024 को सील हुवे भवन की सील को तोड़कर अवैध निर्माण किया जा रहा है। जब ये हठधर्मी ठेकेदार फिर भी नहीं माना तो दिनांक 13 मई 2025 को उक्त भवन जी़3 पर सील कर दिया गया। साथ ही इसको पुलिस अभिरक्षा में दे दिया गया।

वहीं यह पत्र थाना चैक को भी प्राप्त कराया गया है यह जानकारी विभागीय सूत्र देते है और इसका साक्ष्य भी हमारे पास उपलब्ध है। मगर इन सबके बावजूद भी अवैध निर्माण में महारत प्राप्त कर चुके बिल्डर ने नहीं रोका और इसके द्वारा सील तोड़कर काम जारी रखा गया।

जिसकी कई बार खुद वाराणसी विकास प्राधिकरण के आला अधिकारियों ने जाँच करवाया है। जिसके सम्बन्ध में चैक पुलिस ने अवैध रूप से निर्माण होने की बात सुनकर बिल्डर को घंटो तक पूछताछ भी किया। मगर शातिर दिमाग का भवन स्वामी और बिल्डर ने पुलिस को भी चकमा दे दिया और शमन मानचित्र दाखिल करने की रसीद को कूटरचित तरीके से पेश करके निर्माण करने की अनुमति बता दिया।

सूत्र बताते है कि विकास प्राधिकरण द्वारा सील इस भवन पर रोजाना निर्माण कार्य हो रहा है। जिसके अन्दर एक बड़ा अण्डर ग्राउण्ड भी बनकर तैयार हो गया है। सूत्रों का कहना है कि बिल्डर व भवन स्वामी के द्वारा कई दुकानों को बेच भी दिया गया है। जिसमें क्षेत्र के एक सपा नेता है जिनके द्वारा 20 लाख में एक दुकान खरीदा गया है और दूसरी एक महिला है जो बिहार की रहने वाली है, उसने 18 लाख में एक दुकान खरीदा है। अगर सिर्फ इन दो दुकानों के कीमत को ही देखे तो 38 लाख रूपया इस अवैध रूप से निर्मित हो रहे भवन से ही अब तक निर्माण में लगे हुवे सभी धन वसूल हो चुके है। अब इस सम्बन्ध में वाराणसी विकास प्राधिकरण क्या कार्यवाई करता है यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है।

सूत्र बताते है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण चैक वार्ड के जोनल अधिकारी सौरभ कुमार द्वारा इस अवैध निर्माण पर कड़ी कार्रवाई प्रस्तावित है, मगर स्थानीय जेई की भूमिका इस कार्यवाही पर संदिग्ध प्रतीत हो रही है। फिलहाल इस सील भवन के सील को तोडकर अवैध निर्माण बराबर कराया जा रहा है।

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