बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव से निकाला जा रहा ताजिया रविवार को हाईटेंशन लाइन से छू गया। इससे ताजिये में आग लग गई। गनीमत रही कि कोई चपेट में नहीं आया। ताजिये की ऊंचाई 23 फुट थी, जबकि अनुमति 12 फुट तक की ही है। दरोगा अशोक कुमार ने ताजिये की ऊंचाई को मानक के अनुरूप बताकर जुलूस निकालने की अनुमति दी थी। अब एसएसपी ने दरोगा को निलंबित कर उसके खिलाफ जांच बैठा दी है।
गौसगंज गांव में ताजिया निकालने के दौरान बड़ी संख्या में लोग मातम करते हुए चल रहे थे। बरेली-शाहजहांपुर रोड की ओर आते समय अचानक से ताजिया हाईटेंशन लाइन से छू गया। चिंगारी निकलने की वजह से ताजिये में आग लग गई। लपटें उठती देख जुलूस में शामिल लोग भाग खड़े हुए। अफरातफरी मच गई।
जैसे-तैसे आग पर काबू पाया गया। जले हुए हिस्से को हटाने के बाद ताजिये को कर्बला ले जाया गया। यहां इसे दफन कर दिया गया। ताजिये में आग लगने की घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ युवक ताजिये पर चढ़कर आग बुझाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। गनीमत रही कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
घटना की जानकारी पर एसपी दक्षिणी ने ताजिये की ऊंचाई के बारे में पूछा तो पता चला कि वह 23 फुटा ऊंचा था। यह गाइडलाइन का उल्लंघन है। जब एसपी ने हल्का इंचार्ज की रिपोर्ट देखी तो उसमें ताजिये की ऊंचाई नियमानुसार होने की बात कहकर जुलूस को अनुमति दी गई थी। एसएसपी अनुराग आर्य ने दरोगा को निलंबित कर उसकी भूमिका की जांच शुरू करा दी है।