पीडब्ल्यूडी ने मुआवजे के लिए शासन से 194 करोड़ रुपए मांगे
दालमंडी चौड़ीकरण और ध्वस्तीकरण को लेकर स्थानीय लोग कानूनी लड़ाई की तैयारी मे जुटे
दालमंडी के व्यापारी कानूनी लड़ाई के लिए हाईकोर्ट के सीनियर वकील से मिले
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तक पहुंचने के लिए नए रास्ते की तलाश खत्म होने के बाद अब दालमंडी के 184 भवनों और जमीनों के मुआवजे के लिए शासन से 194 करोड़ रुपए पीडब्ल्यूडी ने मांगे हैं। जिसका प्रस्ताव बनाकर शासन को दो दिन पहले भेज भी दिया गया है। माना जा रहा है कि सप्ताह तक शासन इस पर निर्णय भी ले लेगा। वहीं दालमंडी में मकान और दुकानों के तोड़े जाने को लेकर यहां पर लोग लगातार विरोध भी करते नजर आ रहे हैं।
सरकार के इस प्लान के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए दालमंडी के लोगों ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की टीम के साथ इस पर मंथन शुरू कर दिया है। मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान हुसैन नकवी से दालमंडी में उजाड़े जाने वाले लोगों के एक दल ने मुलाकात करके कानूनी लड़ाई के लिए आगे की तैयारी शुरू कर दी है।
नई सड़क से चौक थाने तक दालमंडी की सड़क चौड़ीकरण के लिए प्लान तैयार किया गया है। 184 भवनों और जमीनों का सर्वे पूरा कर पीडब्ल्यूडी ने मुआवजे के लिए शासन से 194 करोड़ रुपए मांगे हैं। अनुमानित प्रस्ताव भेजा जा चुका है और विस्तृत रिपोर्ट आज शाम तक भेजी जाएगी।
वहीं राजस्व विभाग से भी स्वामित्व का डिटेल लोक निर्माण विभाग को मिल जाएगा। इस दौरान चौड़ीकरण की जद में लगभग 6 मस्जिदें भी आ रही हैं। यह चौड़ीकरण कब से शुरू होगा इस पर अभी प्रशासन कुछ भी नहीं बोल रहा है, लेकिन इसका विरोध लगातार स्थानीय लोगों के द्वारा किया जा रहा है। खुद को उजाड़ने के लिए सरकार की मंशा के अनुरूप या उचित नहीं बताया जा रहा है।
वहीं इस कारवाई पर एपीसीआर की टीम ने दालमंडी चौड़ीकरण, ध्वस्तीकरण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान हुसैन नकवी से मुलाकात की है।
इस बारे में मुस्लिम समाज की तरफ से पैरवी कर रहे मोहम्मद यासीन का कहना है कि बनारस की दालमंडी एक बड़ी और मशहूर मार्केट है। जहां पर तकरीबन दस हजार दुकानें हैं। बनारस के लाखों लोगों की जीविका इस मार्केट पर निर्भर है। एपीसीआर इस मामले पर नजर बनाए हुए है और कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है।
पिछले साल से ही सांप्रदायिक राजनीति की बुरी नजर इस मार्केट को अपने निशाने पर लिए हुए है। नेताओं के भाषणों और खबरों में इस मार्केट के ध्वस्तीकरण, चौड़ीकरण की खबरें लगातार छपती रही हैं। जिससे लोगों में डर और बेचैनी पैदा हो गई है। उनका कहना है कि इस पूरे मामले में नेताओं के भाषणों और खबरों से ही जनता में आतंक फैलाया गया है। जबकि अभी तक किसी दुकान, मकान को कोई आधिकारिक नोटिस नहीं दी गई है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए वाराणसी की नई सड़क से चौक थाना तक 17 मीटर चौड़े नए रास्ते का विकल्प चुना गया है। इसके लिए हजारों दुकानों को हटाकर रास्ता बनाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने सर्वे पूरा कर लिया है और मुआवजे की लिस्ट शासन को भेज दी गई है लेकिन काम शुरू होने की तारीख अभी तय नहीं हुई है।