Gurugram Crime : बर्बरता की हदें पार, नाबालिग सहायिका को गर्म चिमटे से दागा, डंडों से पीटा
![Gurugram Crime: Crossed the limits of vandalism, burnt the minor assistant with hot tongs, beaten with sticks](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/6b7b0346427099403008e1c0245d2d68.webp?width=963&height=520&resizemode=4)
Gurugram Crime : हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिस ने नाबालिग घरेलू सहायिका को कथित रूप से प्रताड़ित करने और उसका यौन शोषण करने के आरोप में दंपती को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दंपती को उनकी नियुक्तिकर्ता कंपनियों ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। अब दोनों पति पत्नी बिना नौकरी के बेरोजगार हो गए है। आरोपी मनीष खट्टर एक बीमा कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस और पत्नी कमलजीत कौर जनसंपर्क कंपनी मीडिया मंत्रा में कार्यरत थी। दोनों को नौकरी से निकाले जाने की जानकारी उनकी नियुक्तिकर्ता कंपनियों ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
पुलिस कर रही प्लेसमेंट एजेंसी की तलाश
इस मामले में पुलिस ने बृहस्पतिवार को उस प्लेसमेंट एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है जिसके माध्यम से लड़की को नौकरी पर रखा गया था। स्वास्थ्य केन्द्र के एक कर्मचारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में स्थित झारखंड भवन के एक अधिकारी पीड़िता से मिलने सदर अस्पताल आए थे।
पुलिस के साथ मिलकर लड़की को आरोपी दंपती के चंगुल से मुक्त कराने वाले ‘सखी केंद्र’ की प्रभारी पिंकी मलिक की तहरीर के अनुसार, झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली इस किशोरी को एक ‘प्लेसमेंट एजेंसी’ के माध्यम से काम पर रखा गया था, दंपती उससे बहुत ज्यादा काम करवाते थे और रोजाना बेहद उसे बेरहमी से उसे पीटते थे।
नाबालिग सहायिका के शरीर पर मिले चोट के निशान
पुलिस ने बुधवार को न्यू कॉलोनी निवासी मनीष खट्टर (36) और उनकी पत्नी कमलजीत कौर (34) को गिरफ्तार करने के बाद कहा था कि घरेलू सहायिका के हाथ, पैर और चेहरे पर चोट के कई निशान मिले हैं। प्राथमिकी के अनुसार, किशोरी की उम्र 17 साल है नाकि 14 साल, जैसा कि पहले पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था। पिंकी मलिक ने दावा किया कि दंपती पीड़ित किशोरी को पूरी रात सोने नहीं देते थे और उसे खाना भी नहीं देते थे। उन्होंने बताया, ‘‘उसका चेहरा बुरी तरह सूजा हुआ था, जबकि शरीर पर हर जगह चोट के निशान थे।’’
प्राथमिकी के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि पांच महीने पहले उसका एक रिश्तेदार उसे खट्टर के फ्लैट पर छोड़ गया था, जहां खट्टर अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहते हैं। पीड़िता ने कहा कि उसे हर दिन अपमानित किया जाता और पीटा जाता।
उसे प्रताड़ित करने के लिए कथित तौर पर गर्म लोहे के चिमटे का इस्तेमाल किया गया था। प्राथमिकी के मुताबिक, खट्टर उसे निर्वस्त्र करते थे और उसके निजी अंगों पर चोट पहुंचाते थे। पीड़िता ने कहा कि दंपति ने उसे अपने घर में कैद कर लिया था और उसे अपने परिवार से बात नहीं करने देते थे।
उन्होंने बताया कि दंपती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 342 (गैरकानूनी तरीके से बंधक बना कर रखना) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम तथा पॉक्सो अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
पुलिस ने “यौन उत्पीड़न” की सजा से संबंधित पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 भी लगाई है। पुलिस ने बताया कि एक टीम ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में कई जगहों की तलाशी लेकर उस प्लेसमेंट एजेंसी का पता लगाने का प्रयास किया जिसके माध्यम से पीड़िता को 10,000 रुपये प्रतिमाह के वेतन पर नौकरी पर रखा गया था।
न्यू कालोनी के एसएचओ दिनकर ने बताया कि पुलिस की हिरासत में पूछताछ के दौरान खट्टर ने दावा किया कि उसने पांच महीने पहले अपनी बेटी की देखभाल के लिए पीड़िता को नौकरी पर रखा था और वह ऑनलाइन इस प्लेसमेंट एजेंसी के संपर्क में आया था।
खट्टर मूलरूप से गुरुग्राम का रहने वाला है जबकि उसकी पत्नी मूल रूप से रांची की रहने वाली है। दिनकर ने बताया, ‘‘हमारी टीम ने आज दिल्ली में एजेंसी का पता लगाने का प्रयास किया। आरोपी ने भी स्वीकार किया है कि जब पीड़िता से कोई गलती होती थी, तो वह गुस्से में उसे पीटता था। आगे की जांच जारी है।’’ कौर को नौकरी से निकाले जाने पर उनकी नियोक्ता जनसंपर्क एजेंसी ने ट्वीट किया है, “हम कमलजीत कौर के खिलाफ मानवाधिकारों और बाल शोषण के आरोपों के बारे में जानकर स्तब्ध हैं।”
ट्वीट में कहा, “एक संगठन के रूप में, हम भारतीय कानूनी प्रणाली का सम्मान करते हैं और किसी भी प्रकार के मानवाधिकारों के दुरुपयोग के सख्त खिलाफ हैं। कंपनी ने उनकी (कौर) सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।” वहीं, आरोपी मनीष खट्टर जिस बीमा कंपनी में कार्यरत था, उसने ट्वीट किया है कि वह हमेशा उच्च नीतिपरक और नैतिक आचरण बनाए रखने में विश्वास करती है। कंपनी ने कहा, “हमने तत्काल प्रभाव से व्यक्ति की नौकरी समाप्त कर दी है।”
झारखंड के मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
जानकारी के मुताबिक झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। बता दें कि पीड़ित लड़की झारखंड के समिडेगा की रहने वाली है। झारखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से पीड़िता के पुनर्वास में मदद करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन को कहा है कि पीड़ित लड़की को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा पहुंचनी चाहिए। उसे झारखंड वापस सुरक्षित लाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए। सरकार उसे शिक्षा योजनाओं का लाभ भी दे ताकि उसका भविष्य संवर सके। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की महिला एवं बाल मंत्री से इस पर ध्यान देने को कहा है।