Varanasi Crime: तो क्या व्यापार मण्डल के लोग कर रहे अवैध वसूली ?
BY - Vinay Yadav
Varanasi Crime: वाराणसी जनपद में ऐसे तो कई व्यापार मण्डल व व्यापार समितियां है, परन्तु इसी जनपद का एक ऐसा व्यापार मण्डल है जो हमेशा ही विवादों में घिरा रहता है और उस व्यापार मण्डल का नाम है वाराणसी व्यापार मण्डल जिसके संरक्षक अध्यक्ष है अजीत सिंह बग्गा।
वैसे तो अजीत सिंह बग्गा ने अपनी खुद की मेहनत व काबिलियत के दम पर व्यापारी हित में काम करने के लिये कई कमेटियों का गठन किया है। जिसमें महिला व्यापार मण्डल के साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर भी व्यापार की शाखायें इनके नेतृत्व में कार्य कर रही है।
वहीं यदि विवादों की बात करें तो पूर्व में इनके महिला पदाधिकारियों के द्वारा कई आरोप अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा सहित कई लोगों पर लगाये जा चुके है, तो व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों पर कभी दुकान, मकान पर कब्जा करना और कराना सुनने को मिलता है जैसा कि पूर्व में कैण्ट थाना क्षेत्र के भोजूबीर में एक दुकान को लेकर काफी विवाद हुआ जिसमें दोनो पक्षों की ओर से थाना कैण्ट में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।
इसके अलावा भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवां बजरडीहा का मामला जिसमें मकान/दुकान पर कब्जे की बात प्रकाश में आयी जिसमें थाना भेलूपुर पर मध्य रात्रि तक काफी विवाद भी हुआ और जिसमें थाना प्रभारी पर महिला पदाधिकारियों से दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लग चुका है, और जमकर बवाल काटने के साथ ही नारेबाजी भी की गयी थी।
अब यदि ताजा मामलों पर गौर करें तो विगत दो दिनों से कुछ मीडियाकर्मियों के द्वारा समाचार सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है जिसमें ऑटो चालकों के द्वारा वाराणसी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा और उनके महिला व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों पर अवैध वसूली करने व विरोध करने पर धेड़खानी जैसे मामले में मुकदमा दर्ज कराकर जेल भिजवा देने की धमकी देने का भी आरोप लग रहा है।
साथ ही ऑटो चालकों का कहना है कि व्यापार मंडल की महिला अध्यक्ष की टीम अब बनारस में ऑटो चालकों का भी शोषण करने के लिए उतर चुकी है ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष ने बताया कि हर 4 घंटे पर 10 रूपये की पर्ची काटी जाती है। इस तरह से एक ऑटो चालक से 24 घंटे के अंदर 60 रूपये की वसूली व्यापार मंडल की पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है।
जबकि नगर निगम द्वारा ऑटो स्टैंड का ठेका जिस ठेकेदार ने लिया है वह बार-बार व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को मना कर रहे हैं, लेकिन पदाधिकारी कहती हैं कि हट जाओ नहीं तो छेड़खानी के मामले में तुम्हें फसा देंगे।
वहीं ऑटो चालकों ने बताया कि नगर निगम द्वारा पहले यह पर्ची हम लोगों की कटती थी लेकिन अब इन महिलाओं द्वारा जबरजस्ती दिन भर में प्रत्येक 4 घंटे पर हम लोगों का 10 रूपये के पर्ची काटे जा रहे हैं और विरोध करने पर व्यापार मंडल की महिलाओं के साथ उनकी टीम हम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करती है और मारपीट करने पर उतारू हो जाती है।
इन आरोपों के बात जब बीएम ब्रेकिंग न्यूज ने वाराणसी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा से दूरभाष पर सम्पर्क किया तो उनके द्वारा बताया गया कि ऑटो चालकों के द्वारा जो कहा जा रहा है कि ठेका अजीत सिंह बग्गा का है तो ये बात गलत है ठेका मेरा नहीं है, बल्कि काल भैरव क्षेत्र के रहने वाले रमा शंकर पाण्डेय का है जिन्होने 35 लाख में नगर निगम से पूरे वाराणसी के ऑटो स्टैण्ड का ठेका लिया है, और जो वाराणसी व्यापार मण्डल के सदस्य भी है।
साथ ही जो ईश्वर सिंह नामक व्यक्ति को मेरा रिश्तेदार बताया जा रहा है वो मेरा रिश्तेदार नहीं है, बल्कि रमा शंकर पाण्डेय के द्वारा लिये गये ठेके का वसूली का कार्य करता है। हां एक बात यह जरूर है कि ठेके की वसूली में आने वाली समस्याओं के सम्बन्ध में रमा शंकर पाण्डेय के कहने पर ही मैने अपने पदाधिकारियों को मौके की रिपोर्ट मांगी थी, जो उन्होने दिया और बाकि सारे आरोप गलत व निराधार है।
वहीं इस सम्बन्ध में महिला अध्यक्ष ने भी अजीत सिंह बग्गा की बातों का समर्थन किया और कहा कि ऑटो चालकों के द्वारा लगाये जा रहे आरोप गलत है। अब यदि विष्वस्त सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो बुधवार को वाराणसी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा के द्वारा शहरी क्षेत्र के समस्त ऑटो स्टैण्ड संचालकों की मीटिंग अपने आवास पर की गयी थी।
जिसमें सभी संचालकों से पूछा गया कि वो प्रति माह ठेके की वसूली का कितना रूपया दे सकते है, जिसमें सभी ने कहा कि प्रति माह 5 लाख रूपये अधिकतम ठेके की वसूली से दिया जा सकता है। जिस पर अजीत सिंह बग्गा ने विचार करने के बाद जवाब देने को कहा और दूसरे ही दिन अपने महिला पदाधिकारियों को भेजकर जबरन अवैध वसूली ऑटो चालकों से करना शुरू करवा दिया।
अब इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो व्यापार मण्डल के पदाधिकारी और ऑटो चालक ही जाने। मगर सवाल यह है कि आखिर वाराणसी व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों पर लगने वाले आरोपों का अन्त कब होगा या फिर आरोपों का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा। फिलहाल तफ्तीश जारी है।