उद्धव ठाकरे को मुंबई की राजनीतिक पिच पर गहरा घाव देना चाहते हैं अमित शाह
मुंबई में नगर निकाय के चुनाव होने हैं। वर्तमान में शिवसेना लगभग 30 वर्षों से बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर शासन कर रही है। फिलहाल नगर निकाय का पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है और चुनाव की प्रतीक्षा है।
मुंबई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय मुंबई दौरे पर आये तो गणपति पंडालों में भगवान श्रीगणेश के दर्शन के लिए थे लेकिन साथ ही वह अपनी पार्टी के चुनावी अभियान का भी श्रीगणेश कर गये हैं।
अमित शाह मुंबई दौरे के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर भी गये। लालबागचा राजा सहित कई गणेश पंडालों में भगवान के दर्शन और पूजन किया। फिल्मी हस्तियों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिले और सबसे खास बात...वह अपनी पार्टी भाजपा को एक लक्ष्य देकर गये हैं।
अमित शाह नहीं भूले हैं कि उद्धव ठाकरे ने कैसे भाजपा को धोखा दिया। खास बात यह है कि सीटों के समझौते का ऐलान अमित शाह और उद्धव ठाकरे ने संयुक्त रूप से किया था इसलिए अमित शाह को ठाकरे द्वारा दिया गया धोखा काफी सालता है।
मुंबई में नगर निकाय के चुनाव होने हैं। वर्तमान में शिवसेना लगभग 30 वर्षों से बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर शासन कर रही है। फिलहाल नगर निकाय का पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है और चुनाव की प्रतीक्षा है।
भाजपा बीएमसी के पिछली बार के चुनाव में भी अकेले लड़कर सबसे बड़ा दल बनकर उभरी थी लेकिन बाद में उसका शिवसेना के साथ समझौता हो गया था। लेकिन इस बार हालात अलग हैं। शिवसेना दो खेमों में बंट चुकी है।
भाजपा का प्रयास है कि एकनाथ शिंदे के खेमे के साथ मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ा जाये और ठाकरे को मुंबई की राजनीति से बाहर कर दिया जाये।
यदि शिवसेना के हाथ से बीएमसी निकल जाता है तो उसकी राजनीतिक शक्ति शून्य हो जायेगी क्योंकि उद्धव के हाथ से पार्टी के ज्यादातर विधायक, सांसद विभिन्न निगमों के पार्षद पहले ही खिसक कर एकनाथ शिंदे के पास जा चुके हैं।
जहां तक अमित शाह के मुंबई दौरे की बात है तो उन्होंने चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को उसके घरेलू मैदान पर ‘‘गहरा घाव’’ देने को भी कहा है।
शाह ने ठाकरे की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के नाम पर 2019 के चुनाव में वोट मांगने के बावजूद शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने के लिए हर चीज से समझौता किया।
शाह ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और चुनिंदा पदाधिकारियों की बैठक में कहा, “यदि आप किसी व्यक्ति को किसी भी स्थान पर मारते हैं, तो यह दुख देता है। जब आप किसी व्यक्ति को उसके घरेलू मैदान पर मारते हैं तो दर्द और गहरा होता है। अब यह समय शिवसेना को गहरा घाव देने का है।’’
शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे की मदद से शिवसेना को बीएमसी से बाहर करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा मुंबई पर नियंत्रण नहीं कर लेती, तब तक हम महाराष्ट्र नहीं जीत सकते।
उन्होंने कहा कि असली शिवसेना हमारे साथ आई है और अब उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखाने का समय आ गया है। अमित शाह ने कहा कि वह शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा गठबंधन के लिए बीएमसी की 227 सीट में से 150 सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "अब यह निश्चित है कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निकाय चुनाव जीतेगी।"
उधर, जहां तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे की बात है तो आपको बता दें कि वह इस समय छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं क्योंकि एमवीए भी बिखरता नजर आ रहा है।
महापौर पद की उम्मीदवारी के लिए जिस तरह कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच लड़ाई चल रही है वह समय के साथ और तेज होने की संभावना है।