Expressway: यह है भारत का सबसे महंगा और बिजी एक्सप्रेसवे
Toll Tax On Highway: देश के विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कई नए-नए हाईवे (Highway) और राजमार्गों (Expressway) का निर्माण किया जा रहा है। भारत में कई एक्सप्रेसवे बन चुके हैं। यह लगभग सभी बड़े शहरों को आपस में जोड़ते हैं।
इन एक्सप्रेस-वे के कारण ही, भारत की रफ्तार तेज हो गई है या यूं कहे कि इन एक्सप्रेसवे का देश के विकास की रफ्तार में महत्वपूर्ण योगदान है। आजकल लोग अच्छी सड़कों की बदौलत एक शहर से दूसरे शहर कम समय में पहुंच जाते हैं।
वहीं आज हम आपको भारत के सबसे महंगे और बिजी एक्सप्रेसवे के बारे में बताने जा रहे हैं। भारत का मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे दो बड़े शहर मुंबई और पुणे को आपस में जोड़ता है। यह देश का सबसे पुराना छह लेन (Oldest six Lane Highway) वाला एक्सप्रेसवे है। इसकी लंबाई 94.5 किलोमीटर है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में इसका उद्घाटन किया था। इस एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा जनता के लिए 1999 में खोल दिया गया था। वर्ष 2002 तक यह राजमार्ग पूरी तरह से देश की जनता के लिए चालू हो गया था।
यहां आपको काफी महंगा Toll Tax देना पड़ता है, लेकिन कमाल की बात ये है कि महंगे टोल टैक्स के बावजूद भी ये भारत का सबसे बिजी एक्सप्रेस-वे है। भारत का मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे में आने वाले महीनों में दो अतिरिक्त लेन जोड़ी जाएंगी।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि अधिकारियों का इरादा एक्सप्रेसवे के हर तरफ एक लेन बनाने का है, जिसके लिए 100 हेक्टेयर ज़मीन की ज़रूरत होगी। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण, एक्सप्रेसवे मार्ग पर सह्याद्री पर्वत श्रृंखला के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं, जो इसे और भी ज्यादा खूबसूरत बनाता है।
एक्सप्रेसवे को पार करने के लिए बनाए गए सुरंगों और अंडरपास से पहाड़ियों के खूबसूरत नज़ारे भी दिखते हैं। एक्सप्रेसवे पर गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 16,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है, जिससे मुंबई और पुणे के बीच तीन घंटे की यात्रा का समय घटकर मात्र एक घंटा रह गया है।
समय बचाने की अपनी क्षमता के कारण, यह एक्सप्रेसवे लंबी दूरी और दैनिक यात्रियों दोनों के बीच अत्यधिक पसंद किया जाता है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर टोल देश में सबसे ज़्यादा है। कार से यात्रा करने पर 336 रुपये का खर्च आता है, जो लगभग 3.40 रुपये प्रति किलोमीटर है।
यह 2.40 रुपये प्रति किलोमीटर के सामान्य शुल्क से एक रुपया ज़्यादा है। फास्टैग एक्सप्रेसवे पर भुगतान करने के प्राथमिक तरीकों में से एक है। एक सहज यात्रा अनुभव की गारंटी के लिए, यात्रियों को यह सत्यापित करना चाहिए कि उनके फास्टैग में पर्याप्त बैलेंस है।
इस एक्सप्रेस-वे के टोल में सालाना 6% की वृद्धि होती है। बता दें कि आखिरी बार इसे अप्रैल 2023 में संशोधित किया गया था, जब टोल को 270 रुपये से बढ़ाकर 320 रुपये और मिनीबस और टेम्पो जैसे वाहनों के लिए मौजूदा 420 रुपये के बजाय 495 रुपये कर दिया गया था।