Junagadh Voilence: दरगाह हटाने का नोटिस देने पर सुलग उठा जूनागढ़, झड़प में एक की मौत, 174 हिरासत में
Junagadh Voilence: गुजरात के जूनागढ़ में एक अवैध दरगाह को गिराने के नोटिस को लेकर हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पुलिस उपाधीक्षक सहित चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। नोटिस दिए जाने के बाद हिंसा भड़क गई और कम से कम 200-300 लोग शुक्रवार शाम को दरगाह के पास जमा हो गए, पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया, एक पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और पुलिस वाहनों को भी आग लगा दी।
हंगामा उस वक्त हुआ जब जूनागढ़ नगर निगम के अधिकारी दरगाह के बाहर नोटिस लगाने के लिए मजेवाड़ी गेट के सामने पहुंचे. पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 174 लोगों को हिरासत में लिया है। घटना के वीडियो में धार्मिक ढांचे के आसपास 200-300 लोगों को विध्वंस का विरोध करते हुए दिखाया गया है।
उन्हें चिल्लाते और पुलिस वाहनों पर पथराव करते सुना जा सकता है। जब भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू किया, तो पुलिस अधिकारियों ने जवाबी कार्रवाई में उन्मादी भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे। मजेवाड़ी गेट के पास एक मस्जिद को जूनागढ़ नगर निगम द्वारा 5 दिनों के भीतर दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस दिया गया था। कल लगभग 500-600 लोग वहां जमा हुए थे।
पुलिस उन्हें सड़क को अवरुद्ध नहीं करने के लिए समझा रही थी। लगभग 10.15 बजे पथराव किया गया। और लोग पुलिस पर हमला करने के लिए आए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया। इस घटना में पुलिस कर्मी घायल हो गए। 174 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बताया जाता है कि गुजरात के जूनागढ़ में बीती रात (15-16 जून) अवैध दरगाह को लेकर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने जबरदस्त बवाल किया है। भीड़ ने अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन के नोटिस के बाद जमकर पथराव किया और पुलिस चौकी पर हमला कर दिया। हमले में डिप्टी एसपी, महिला पीएसआई और एक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
गुस्साई भीड़ ने कई गाड़ियां फूंक दी। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। फिलहाल इलाके में भारी तनाव है। बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने हिंसा के मामले में 174 लोगों को हिरासत में लिया है।
प्रशासन ने जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में एक दरगाह को लेकर अवैध निर्माण का नोटिस दिया था। इलाके के लोग इसका विरोध कर रहे थे। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी राात यही गुस्सा बेकाबू हुआ और जूनागढ़ में जंग जैसे हालात बन गए। जिस दरगाह को हटाए जाने का नोटिस दिया गया था, वो मजेवाड़ी दरवाजे के ठीक सामने स्थित है।
पांच दिन की डेडलाइन के बाद भी नोटिस को लेकर कोई जवाब पेश नहीं किया गया जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई का फैसला किया। नगर निगम की टीम शुक्रवार शाम को ध्वस्तीकरण का नोटिस लगाने पहुंची थी, जिसके विरोध में भीड़ इकठ्ठा हो गई। थोड़ी ही देर में ये भीड़ उपद्रवियों की शक्ल में बदल गई और पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस दौरान वहां खड़े वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
बवाल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें 200-300 लोगों की भीड़ पत्थर चलाते और गाड़ियों को तोड़ते हुए दिख रही है। हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को इलाके में भेजा गया।