Nuh Violence: जानिये कौन हैं IPS ममता सिंह, जिन्होने पत्थरबाजों से बचाई ढाई हजार लोगों की जान
Nuh Violence: नूंह में उपद्रव के दौरान नलहड़ के शिव मंदिर में सोमवार दोपहर करीब एक बजे ढाई हजार श्रद्धालु फंस गए। इनमें कई महिलाएं और बच्चे भी थे। मंदिर के चारों तरफ से गोलियां चल रही थीं। अंदर फंसे लोगों का बाहर निकलना काफी मुश्किल था। लोग डरे-सहमे थे।
शाम करीब चार बजे एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) ममता सिंह जब मंदिर पहुंचीं तो लोगों के जान में जान आई। ममता सिंह ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले लोगों को सुरक्षित निकालने का आश्वासन देकर शांत किया।
ममता सिंह के साथ एडीजीपी साउथ रेंज व आईपीएस रवि किरण व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उनका प्लान था कि उपद्रव शांत होने के बाद लोगों को बाहर निकाला जाए लेकिन दंगाइयों की भीड़ और पत्थरबाजी बढ़ती जा रही थी। दूसरी तरफ अंदर फंसे लोगों का भी हाल बुरा हो रहा था।
शाम भी होने वाली थी। ऐसे में तत्काल निर्णय लिया गया कि लोगों को गुटों में बांटकर कवर फायरिंग कर बाहर निकाला जाए। पुलिस की एक टीम ने कवर फायरिंग की और दूसरी टीम ने लोगों को मंदिर से सुरक्षित निकालकर गाड़ी में बैठाया।
जब लोगों को पुलिस की गाड़ियों में ले जाया जा रहा था तो पुलिस की एक टीम भी साथ चल रही थी। ममता सिंह ने बताया कि ढाई हजार लोगों को निकालने में करीब दो घंटे लगे। लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए ममता सिंह की खूब तारीफ हो रही है।
गृह मंत्री अनिल विज ने भी प्रशंसा की है। मंदिर से बाहर निकली महिलाओं ने भी पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दिया है। ममता सिंह पहले भी कई मौकों पर अपनी जाबांजी का परिचय दे चुकी हैं। अपनी बेहतरीन पुलिस सेवाओं के लिए उन्हें साल 2022 में राष्ट्रपति पदक मिल चुका है।
उपद्रव के दौरान एक मंदिर में लोगों को बंधक बनाए जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ममता सिंह व अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। आईपीएस ममता सिंह दिलेरी के साथ डटी रहीं और लोगों को वहां से मुक्त कराया। अनिल विज, गृह मंत्री हरियाणा
मैंने तो सिर्फ अपना काम किया है। लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना मेरी और टीम की जिम्मेदारी थी। जिस समय पुलिस फोर्स पहुंची थी, उस समय भी फायरिंग और पत्थरबाजी हो रही थी। सभी लोगों को डेढ़ से दो घंटे में बाहर निकाल लिया गया था। ममता सिंह, एडीजीपी (कानून-व्यवस्था)