Rajasthan Politics: वसुंधरा को फिर BJP हाईकमान ने दिया झटका, केवल एक समर्थक को मिली जगह
Rajasthan Politics: राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का गठन शनिवार को हो गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने 22 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें 12 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 5 राज्य मंत्री हैं। राज्य में जिन 22 विधायकों ने शपथ ली है, इनमें 17 पहली बार मंत्री बने हैं।
12 कैबिनेट मंत्रियों में से 9 पहली बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। जबकि 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में चार और पांच राज्य मंत्रियों में से चार पहली दफा मंत्री बनाए गए हैं। सीएम और दो डिप्टी सीएम को भी मिला लिया जाए, तो 25 में से 20 पहली बार मंत्री बने हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दो डिप्टी सीएम को मिलाकर अब सरकार के मंत्रियों की संख्या 25 हो गई है। राजस्थान में कोटे के हिसाब से 30 मंत्री बन सकते हैं, अब 5 मंत्रियों की जगह खाली है। भजनलाल मंत्रिमंडल में एक ही वसुंधरा समर्थक को जगह मिली है।
देवासी समाज से आने वाले वसुंधरा समर्थक ओटाराम देवासी को राज्यमंत्री बनाया गया है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जोगाराम पटेल, बाबूलाल खराड़ी, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी, सुमित गोदारा पहली बार कैबिनेट मंत्री बने हैं।
भजनलाल सरकार में जातीय समीकरण का विशेष ध्यान रखा गया है। सबसे ज्यादा जाट मंत्री बने हैं। अब पूरे मंत्रिमंडल में दो ब्राहण, 3 राजपूत, 4 जाट, 3 एसटी, 1 जट सिख, 3 एससी,1 वैश्य, 1 पटेल, 1 विश्नोई और समेत एक एक प्रतिनिधित्व धाकड़, देवासी समाज, गुर्जर समाज, रावत समाज, सैनी समाज और कुमावत समाज को भी दिया गया है।
भाजपा ने श्रीकरणपुर सीट से प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया है। यह राजस्थान में पहला मामला है, जब चलते चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाया गया हो। श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव रद्द हो गए थे, वहां 5 जनवरी को वोटिंग है।
नियमानुसार कोई भी वयस्क भारतीय नागरिक बिना विधायक बने छह महीने तक मंत्री बना रह सकता है।