Varanasi : पश्चिमी देशों से वीजा मिलने में देरी का समाधान जल्द, काशी में बोले जयशंकर
Varanasi : देश के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पश्चिमी देशों ने कर्मचारियों की संख्या कम कर दी। इस कारण अमेरिका सहित अन्य देशों का वीजा समय से नहीं मिल पा रहा है। भारत में अमेरिका के राजदूत से बात की गई है।
राजदूत ने समस्या के जल्द समाधान का भरोसा दिलाया है। भारत की तरफ से वीजा प्रक्रिया सरल करने के सुझाव भी दिए गए हैं। भारत में विदेशी मेहमानों के लिए वीजा की प्रक्रिया छोटी कराई जा रही है, ताकि पर्यटक यहां आएं और इसका लाभ देश की अर्थव्यवस्था को मिले।
जी-20 देशों के विकास मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता करने चार दिवसीय दौरे पर आए जयशंकर ने काशी विद्यापीठ में अमर उजाला संवाददाता से अनौपचारिक बात की। उन्होंने कहा कि विदेशों में यह बात सही है कि पूरे देश के निर्यातकों के लिए एक जैसे नियम से बंदरगाह से दूर शहरों के व्यापारियों की लागत बढ़ी है। मंत्री समूह की बैठक में इस मुद्दे को रखकर इसके समाधान का प्रयास कराया जाएगा।
विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते अच्छे हुए हैं। नेपाल से हमारा संबंध ही रोटी-बेटी का है। यहां सीमाएं खुली हुई हैं। अगर इस पर दीवार लगाई जाएगी तो इसका गलत संदेश जाएगा।
शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र में दूसरे देशों के सहयोग के विषय पर कहा कि दुनिया में भारत की स्थिति अद्वितीय है। विकसित देशों में फार्मा उद्योग बहुत अलग है और उन्होंने महामारी के समय भी किसी की मदद नहीं की थी। मगर, भारत ने चिकित्सा क्षेत्र में भी दुनिया को अपना कायल बनाया।
बहरीन व फ्रांस में मंदिर निर्माण की अनुमति : विदेशमंत्री ने कहा कि विदेशों में भी हिंदू मंदिरों का कायाकल्प किया जा रहा है। आबूधाबी में बन रहा मंदिर इस साल के अंत में पूरा हो जाएगा। बहरीन और फ्रांस में मंदिर निर्माण की अनुमति मिल गई है। न्यूयार्क में भी मंदिर निर्माण के प्रयास जारी हैं। हमारा प्रयास है कि विदेशों में स्थित पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि जब भी कोई संकट हो, हम अपने देश पर भरोसा कर सकते हैं। उन्होंने यह बात गांधी अध्ययन पीठ सभागार में भारतीय विदेश नीति के उद्देश्यों और विशेषताओं पर एक संगोष्ठी में कही। विदेश मंत्री ने कहा, मैं ऐसे मौके पर आया हूं जब मोदी सरकार के नौ साल पूरे हुए हैं। जी-20 सम्मेलन करीब 60 शहरों में हो रहे हैं। यहां विकास मंत्रियों की बैठक हो रही है।
भारत के बचाव प्रयासों का जिक्र करते उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाया गया था। सूडान में निवासियों को भी ‘ऑपरेशन कावेरी’ के जरिए वापस लाया गया था। 90 उड़ानों से यूक्रेन से देशवासियों को लाया गया था। नेपाल में भूकंप आया, फिर म्यांमार में तूफान आया। हमने हर जगह मदद पहुंचाई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र संगठन (अंकटाड) की महासचिव रेबेका ग्रीनस्पैन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को दूर करने में जी-20 की महत्वपूर्ण भूमिका पर सहमति जताई। दोनों नेता एसडीजी लक्ष्यों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए।