London Bridge Attack: दहशत के वो 5 मिनट...3 जून की उस रात को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लंदन के लोग
London Bridge Attack: लंदन के टावर ब्रिज जैसा अनोखा व अद्भुत ब्रिज शायद ही दुनिया में कहीं पर दूसरा होगा। लेकिन जब भी 3 जून की तारीख आती है तो लंदन के लोग सिहर उठते हैं। ये वो दिन था जब आज से छह साल पहले यानी 2017 में इस ब्रिज पर आतंकी हमला हुआ था। इतना खतरनाक मंजर था कि लंदन वासियों के जहन में सालों तक कायम है।
लंदन ब्रिज पर कैसे हुआ आतंकी हमला - लंदन ब्रिज हमले को तीन आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था। घटना रात के करीब 10:08 बजे शुरू हुई। एक सफेद रंग की वैन पैदल चलने वालों पर चढ़ गई। इसके बाद हमलावर वाहन से बाहर निकले और पुल से सटे भीड़ भाड़ वाले बोरो मार्केट में घुस गए।
चाकुओं से लैस आतंकियों ने इलाके में अंधाधुंध लोगों को निशाना बनाया। जिससे दहशत और अराजकता फैल गई। डेली टेलीग्राफ के अनुसार, कोरली नाम की एक महिला, जो इस कार्यक्रम में काम कर रही है, दो या तीन लोगों को छुरा घोंपते हुए देखती है, जिनमें से कुछ का खून बह रहा है। उसने कहा कि उसके एक सहयोगी को तीन बार चाकू मारा गया।
आठ लोगों की हुई मौत - जैसे ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, हमलावरों के साथ तेजी से टकराव शुरू हो गया। सशस्त्र अधिकारोंय ने आतंकवादियों को घरे लिया। खतरे को बेअसर करने और नागरिकों की रक्षा करने का प्रयास किया।
इसके बाद हुई मुठभेड़ में हमलावरों को पुलिस ने मार गिराया। इस हमले में आठ निर्दोष लोगों की मौत हो गई। पीड़ितों की पहचान बाद में क्रिसी आर्चीबाल्ड, सेबेस्टियन बेलांगेर, किस्र्टी बोडेन, इग्नासियो एचेवरिया, सारा जेलेनाक, जेवियर थॉमस, एलेक्जेंडर पिगर्ड और जेम्स मैकमुलेन के रूप में हुई।
ये ब्रिज ब्रिटेन के लंदन में स्थित है और इसका निर्माण 21 जून 1886 में शुरू किया गया था। जो आठ साल बाद 30 जून 1894 में जाकर पूरा हो पाया था। इस विशालकाय ब्रिज को तीन इंजीनियर्स ने बनाया था।
ये ब्रिज लंदन की सबसे मशहूर टेम्स नदी पर स्थित है। इसे यातायात पुल के तौर पर बनाया गया था। इसकी खासियत बेसकूल ब्रिज होना है। दरअसल, इसका मतलब कि ऐसा ब्रिज जो पानी के जहाज के निकलने के लिए खुल जाता है और फिर से जुड़ जाता है।