Heart Attack in Youngers: युवाओं को लगी ‘दिल’ की बीमारी, 30-40 की उम्र में हो जा रही है मौत
Heart Attack in Youngers: कभी बड़े-बुजुर्गों को होने वाली दिल की बीमारी अब युवाओं में तेजी से फैल रही है। बदल रही जीवनशैली व आधुनिकता की अंधी दौड़ में जिंदगी का सफर कब थम जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है।
युवा वर्ग के लिए हार्ट अटैक साइलेंट किलर साबित हो रहा है। बीते दो साल में सतना जिले में 25 से 40 साल के युवाओं में दिल की बीमारी तेजी से बढ़ी है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में हर चौथा मरीज युवा है। जिला अस्पताल के अनुसार यहां हर माह औसतन 1300 मरीज हार्ट का इलाज कराने आते हैं।
इनमें 300 से अधिक 25 से 45 के बीच होते हैं। युवीओं की अटैक से अचानक हो रही मौतों से लोगों को यकीन करना मुश्किल हो रहा कि अपनी हेल्थ और फिटनेस को लेकर अलर्ट रहने वाले युवाओं को भी हार्ट अटैक आ सकता है।
आमतौर पर लोगों में यह धारणा है कि नियमित वर्कआउट करने और डाइट पर कंट्रोल रखने से दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। यह काफी हद तक सही भी है लेकिन मौजूदा दौर में हुई घटनाओं नें लोगों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। धीरे-धीरे अब लोग हार्ट अटैक के लक्षण और बचने के उपायों को लेकर जागरूक हो रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ - हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके श्रीवास्तव बताते हैं, जब आप बहुत तनाव में होते हैं तो शरीर में कोर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है। यह हार्मोन दिल में जाने वाले खून के प्रवाह को कम करता है।
इससे दिल को जरूरी ऑक्सीजन और पोषकतत्व नहीं मिल पाते हैं। इस की वजह से धमनियों में ब्लाक जमा होने लगता है जो अपने आप में हार्ट अटैक का एक कारण है। सोशल मीडिया भी अपने तमाम फायदों के बावजूद कई लोगों के लिए तनाव का मुख्य जरिया बन गया है।
सोशल मीडिया पर लोगों की फैन फॉलोइंग या उनकी देश-विदेश की ट्रिप्स और महंगी लाइफस्टाइल से जुड़ी फोटोज देखकर लोग अंदर ही अंदर जलन महसूस करने लगते हैं। उनका ध्यान अपनी लाइफ से हटकर दूसरों की लाइफ में क्या हो रहा है इस पर शिफ्ट हो जाता है।
उन्हें इस बात से चिढ होने लगती है कि वे अपनी लाइफ वैसे एंजॉय नहीं कर पा रहे हैं जैसे सोशल मीडिया पर उनके दोस्त कर रहे हैं। ये सब चीजें कहीं न कहीं आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ाती हैं।