40 दंगाइयों को पांच-पांच साल की कैद, 17 साल बाद आया फैसला
बलरामपुर के उतरौदा में होली के दिन वर्ष 2005 में हुआ था दंगा। 40 दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम जहेंद्र पाल सिंह ने कैद के साथ 15000-15000 रुपये अर्थदंड भी लगया है।
बलरामपुर। 26 मार्च 2005 में होली के दिन उतरौला में हुए दंगे के 40 दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम जहेंद्र पाल सिंह ने पांच-पांच साल कारावास की सजा सुनाई है।
17 साल पहले हुए दंगे में 64 लोगों के विरुद्ध तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली उतरौला ने मुकदमा लिखाया था।
लंबे ट्रायल के बाद दोनों वर्ग के लोगों में से 41 पर आगजनी, मारपीट व दंगा फैलाने का आरोप सही मिलने पर 20 अक्टूबर को दोषसिद्ध करार दिया गया। उसी दिन न्यायालय में मौजूद 36 अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया था।
पांच फरार अभियुक्तों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। बाद में चार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सोमवार को सभी को जेल से न्यायालय लाया गया। दूसरी तरफ सुबह से ही न्यायालय में सजा की अवधि जानने के लिए लोगों की भीड़ लग गई।
अपर शासकीय अधिवक्ता नवीन तिवारी ने बताया कि 2005 में होली पर उतरौला नगर में दंगा हो गया था। इसमें लूटपाट के बाद दुकानों और घरों में आग लगा दी गई थी। कई लोग हताहत भी हुए थे, कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
कोतवाली उतरौला पुलिस ने दोनों पक्षों से 64 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें 18 आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया गया। पांच आरोपितों की पूर्व में मृत्यु हो चुकी थी जिनके खिलाफ न्यायालय ने सुनवाई बंद कर दी।
न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों व बयान पर मामले का परीक्षण किया। इसमें एक पक्ष के 23 और दूसरे के 18 अभियुक्त हैं।
अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त शारदा प्रसाद, रक्षाराम, नंदलाल, सुरेश, राजेंद्र, सुनील कुमार, कपिल कुमार, राजेश, दुर्गेश, नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ गुप्त व अनूप गुप्त, रामजी गुप्त, विश्वनाथ गुप्त, कौशल कुमार, ओमप्रकाश, दिलीप, बब्बू मिस्त्री, अददू तववाब, मुश्तफा, ध्रुव कुमार, नाजिम, सतीश गुप्त, नसरुद्दीन, शब्बीर अहमद, आमिर कबाड़िया, शाहिद अली, जहांगीर, कमालुद्दीन, इबरार, सईद, कैफ, जमाल अहमद, मोहम्मद हारुन, एजाज अहमद, अतुल कुमार, अरुण कुमार, असमय, राजेश उर्फ छोटू, सुमेर चंद्र गुप्त शहदेव, अब्दुल मजीद को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था।
फरार एक अभियुक्त असलम को अभी सजा नहीं सुनाई है। न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को पांच-पांच साल कैद के साथ 15000-15000 रुपये अर्थदंड लगाया है।