Corona in UP: देश में कोरोना का नया वेरिएंट मिलने के बाद योगी सरकार अलर्ट
उच्च स्तरीय बैठक कर दिए निर्देश
Corona virus In UP : चीन के नए कोविड वैरिएंट BF-7 (New Covid-19 Variant in UP) की भारत में एंट्री के बाद केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी सख्त एक्शन लेती नजर आ रही हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार भी कोरोना को लेकर अलर्ट मोड में आ गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सहित अन्य मंत्री भी कोरोना की समीक्षा बैठक में शामिल रहे। बता दें कि उच्च स्तरीय बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों को कोरोना के नियंत्रण और निगरानी बढ़ाए जाने के साथ ही कोविड वैक्सीनेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
विभिन्न देशों में एक सप्ताह से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति सामान्य है। दिसम्बर माह में प्रदेश की कोविड पॉजिटिविटी दर 0.01% रही है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 62 है। विगत 24 घंटों में 27,208 हजार टेस्ट किए गए और एक भी नए मरीज की पुष्टि नहीं हुई। इसी अवधि में 33 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में कोविड से बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका की रणनीति सफल सिद्ध हुई है। संभव है आने वाले कुछ दिनों में नए केस में बढ़ोतरी हो, ऐसे में हमें अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, सतर्क और सावधान रहने का है।
कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना होगा। अस्पतालों, बस, रेलवे स्टेशन, बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को एक्टिव करें।
सीएम योगी ने कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग बेहतर समन्वय के साथ तैयारी करें। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति के परामर्श के अनुसार आगे की नीति तय की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार से सतत संपर्क-संवाद बनाए रखें। कोविड के नए वैरिएंट पर सतत नजर रखी जाए। जो भी नए केस मिले, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। दैनिक टेस्टिंग को बढ़ाया जाए। गंभीर, असाध्य रोग से ग्रस्त लोगों, बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
कोविड प्रबंधन में इंटेग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता का हम सभी ने अनुभव किया है। गृह, स्वास्थ्य और नगर विकास विभाग परस्पर समंन्वय के साथ आइसीसीसी को फिर से एक्टिव करने की तैयारी करें। प्रधानमंत्री जी के मंत्र "जहां बीमार-वहीं उपचार" की भावना के अनुरूप ग्राम प्रधानों, एएनएम, आशा बहनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का सहयोग लिया जाए।
कोविड के खिलाफ अब तक की लड़ाई में इन लोगों ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस वर्ग को पुनः एक्टिव करें। ताकि यह अपने क्षेत्रों में बीमार, कोविड लक्षण युक्त लोगों पर नजर रखें, जरूरत के अनुसार तत्काल अस्पताल/डॉक्टर की सेवाएं उपलब्ध कराएं।
कोविड के बीच अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया गया था। हर जिले में आईसीयू, वेंटिलेटर, विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई थी।
सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र, हर अस्पताल में पर्याप्त संसाधन होने चाहिए।
चिकित्सा संस्थानों की अद्यतन आवश्यकताओं का परीक्षण करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों के नए पद सृजित किए जाएं। पुराने पदों में कोई कटौती न की जाए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाए।
अच्छी गुणवत्ता के साथ दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध हों, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में जीवनरक्षक दवाओं की कमी न हो। मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की कार्यपद्धति में सुधार की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री स्तर से विभाग के कार्यों की समीक्षा की जाए।
एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज लक्ष्य के सापेक्ष विगत दिनों 06 जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। इसके लिए 42 कंपनियों/संस्थाओं ने अपनी रुचि दिखाई है। योग्य और समर्थ का चयन कर यथाशीघ्र मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।
कोविड संक्रमण से बचाव में टीके की उपयोगिता स्वयंसिद्ध है। 39.06 करोड़ वैक्सीनेशन डोज के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टीका लगाने वाला राज्य है। प्रदेश में 4.48 करोड़ प्रीकॉशन डोज भी लगाए जा चुके हैं। कोविड के नए वैरिएंट के दृष्टिगत प्रीकॉशन डोज लगाए जाने में तेजी की अपेक्षा है। लोगों को प्रीकॉशन डोज की जरूरत और उपयोगिता के बारे में जागरूक किया जाए।
चीन समेत कई देशों में कोरोना संक्रमण का प्रकोप देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ में भी कमर कस ली है। प्रदेश के साथ ही राजधानी के सभी अस्पतालों को कोरोना मरीजों की जांच से लेकर इलाज की बेहतर व्यवस्था के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
लखनऊ सीएमओ एमके अग्रवाल के मुताबिक, सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। कोरोना प्रभावित देशों से लौटे यात्रियों की जांच कराई जाएगी। साथ ही उनकी सूची तैयार कर आइसोलेशन में रखा जाएगा।
केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा- सीएमओ ने बताया कि केजीएमयू सहित अन्य वैज्ञानिक संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा मौजूद है। वर्तमान में राजधानी में हर दिन करीब 600 लोगों की जांच हो रही है।
हालांकि, अस्पतालों में आरटी-पीसीआर जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आपरेशन से पहले कोरोना के लक्षण दिखने पर पहले से ही जांच अनिवार्य की गई है। सीएमओ ने कहा, जितने भी मरीज पाजिटिव मिलेंगे, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी।
सीएमओ ने कहा, सर्दी-खांसी या बुखार होने पर डाक्टर से सलाह लेने के बाद ही कोई दवा खाएं। बिना जानकारी के दवा खाने से नुकसान हो सकता है। अगर लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं। यह सोचकर बिल्कुल न बैठें कि यह सर्दी-खांसी या सामान्य वायरल है।
उन्होंने कहा, अभी यूपी में एक भी मरीज नए वेरिएंट से संक्रमित नहीं पाया गया है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। घर से मास्क लगाकर ही निकलें। भीड़ वाली जगह पर जाने से परहेज करें।
प्रयागराज माघ मेले के व्यवस्थित आयोजन के लिए अंतर विभागीय समन्वय के साथ कार्य हो। कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, साधु-संतों, को पूर्व में मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। प्रदेश में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हुई बाजरा की खरीद की प्रगति उत्साहजनक है। अब तक 45000 मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है। किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी जिले में कमी न हो।