मोबाइल पर चैटिंग को लेकर सास की दामाद ने कर दी हत्या
वाराणसी कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा
मोबाइल फोन पर चैटिंग को लेकर सास की हत्या करने पर दामाद को अपर जिला जज के कोर्ट में सजा सुना दी। वाराणसी कोर्ट ने गुरुवार को दोषी को आजीवन कारावास और तीन लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
वाराणसी । किसी फोन-चैटिंग को लेकर हुए विवाद में अपनी सास को जलाकर मार डालने के आरोप में अपर जिला जज (दशम) देव कांत शुक्ला की अदालत ने दामाद उमापति झा को दोषी करार दिया। अदालत ने अभियुक्त उमापति झा को आजीवन कारावास व तीन लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
जुर्माना न देने पर अभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अदालत में वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप सिंह व अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी अशोक पाठक ने पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार बिहार के मधुबनी, रहिका क्षेत्र के बसौली गांव निवासी उमापति झा की वर्ष 2011 में नरेश कुमार लाल की बड़ी बेटी उत्तरा से शादी हुई थी।
मानस नगर कालोनी, दुर्गाकुंड स्थित आवास में रोज की भांति 25 दिसंबर 2019 की सुबह उमाकांत की सास पूनम दास सफाई कर रही थी। उस वक्त ससुर नरेश कुमार लाल टहलने बाहर निकले थे और छोटी बेटी कमरे में थी।
उसी दौरान उमापति झा अपनी सास के पास आया और किसी फोन - चैटिंग की बात को लेकर उनसे विवाद करने लगा। विवाद के दौरान ही उमापति झा ने सास के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी और धमकी देते हुए मौके से भाग निकला।
शोर सुनकर आस-पास के एकत्रित लोगों और स्वजन ने पूनम दास को बीएचयू अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान पूनम दास की मौत हो गई।
मरने से पहले पूनम दास ने दामाद द्वारा जलाए जाने का चिकित्सक को बयान दी। नरेश कुमार लाल ने इस घटना को लेकर अपने दामाद उमापति झा के खिलाफ थाने पर मुकदमा दर्ज कराया।
इस घटना के बाद सदमे में हार्ट अटैक होने से आठ फरवरी 2020 को नरेश कुमार लाल की मौत हो गई। दौरान विवेचना यह तथ्य सामने आया कि किसी फोन चैटिंग को लेकर घटना के कुछ दिन पहले से उमापति झा का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था।