Afzal Ansari: हाईकोर्ट के फैसले पर बोले सपा सांसद अफजाल अंसारी, कहा - ' सच्चाई जनता के सामने आई, मुझे इंसाफ मिला '

 
Afzal Ansari
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इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि मुझे राहत नहीं, इंसाफ मिला है। सच्चाई जनता के सामने आ गई है। साजिश के तहत जो काला टीका लगाया गया था वो धुल गया।

Afzal Ansari: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी की गैंगस्टर मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट से मिली चार साल की सजा रद्द कर दी है। इसके साथ उनकी सांसदी जाने का खतरा फिलहाल टल गया है। हाईकोर्ट ने 17 तारीखों पर सुनवाई के बाद चार जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया था।

इस फैसले से सकते में आई प्रदेश सरकार अब सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। सांसद अफजाल अंसारी गैंगस्टर मामले में फैसला अपने पक्ष में आने पर काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि मुझे राहत नहीं, इंसाफ मिला है। सच्चाई जनता के सामने आ गई।

साजिश के तहत जो काला टीका लगाया गया था वो धुल गया। जिन लोगों ने न्याय के पक्ष में मेरा साथ दिया है मैं उनका जीवन भर ऋणी रहूंगा।  मेरी कोशिश होगी की मंगलवार को सदन की कार्यवाही में शामिल हो जाऊं। हालांकि मुझे सदन की कार्यवाही में शामिल होने से रोका नहीं गया था।

लेकिन, फैसला सुरक्षित हो गया था तो मैंने सोचा की फैसला कराकर चलूं। पहले मीडिया के सवालों के कारण नजरें झुका लेता था। घर पर शुभचिंतकों के साथ समय गुजारने और मीडिया से बातचीत के बाद सांसद दिल्ली सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए रवाना हो गए।

वहीं सांसद के पक्ष में आने पर समर्थकों और शुभचिंतकों में जहां खुशी का माहौल है। सवा तीन बजे फैसला आते ही मुहम्मदाबाद स्थित फाटक पर जश्न का माहौल देखने को मिला। लोग एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे थे। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से फोर्स तैनात कर दी गई थी।

सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि सत्य पर विश्वास करता हूं। ये जीत गाजीपुर की जनता की है। दुआ, आशीर्वाद और साथ देने वालों का आज का दिन है। अफजाल अंसारी ने कहा कि मैंने जीवन भर डर का सामना करने का संकल्प लिया है। मुझे देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।

मुझे और सबको पहले से पता है कि दबाव देकर सजा कराई गई थी। सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि लोग यह कहते हैं कि 29 तारीख मेले लिए काला दिन होता रहा है, जो अब झूठा साबित हो गया। बताया कि 29 नवंबर 2005 को पहली बार मैं किसी मामले में आरोपी बनाया गया।

29 दिसंबर 2006 को मेरे पिता सुभानुल्लाह अंसारी का निधन हुआ। 12 साल बाद 29 दिसंबर के ही दिन मां रजिया बेगम का निधन हो गया। इसी तरह मेरे जीवन में कठिन समय 29 अप्रैल 2003 को भी आया, जब गाजीपुर की कोर्ट से मुझे चार वर्ष की सजा और एक लाख जुर्माना की सजा सुनाई गई।

इसके चलते चर्चा थी कि 29 जुलाई को फिर फैसला आ रहा है और ये काला दिन साबित हो सकता है, लेकिन सृष्टि के रचयिता ने मेरे पिछले सभी घाव भर दिए। आज सावन का महीना, सावन का दूसरा सोमवार, भोले बाबा का दिन...यह सब मेरे लिए शुभ साबित हुआ। 

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