Azam Khan: जिस मामले में रद्द हुई थी विधानसभा सदस्यता, उसमें कोर्ट ने आज़म खान को किया बरी, क्या बहाल होगी विधायकी?

 
Azam Khan: In the case in which the assembly membership was cancelled, the court acquitted Azam Khan, will the legislature be restored?
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आजम खान को 3 साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई थी। इतना ही नहीं, आजम खान के वोट देने का अधिकार भी खत्म हो गया था।

Azam Khan: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जिस हेट स्पीच मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया था, आज उसी मामले में आजम खान को बरी कर दिया गया। हेट स्पीच मामले में आजम खान को 3 साल की सजा हुई थी।

Azam Khan: In the case in which the assembly membership was cancelled, the court acquitted Azam Khan, will the legislature be restored?

इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। 27 अक्टूबर 2022 को भड़काऊ भाषण देने के मामले में आजम खान को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें 3 साल की सजा सुनाई थी। आजम खान को 3 साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई थी। इतना ही नहीं, आजम खान के वोट देने का अधिकार भी खत्म हो गया था। 

Azam Khan: In the case in which the assembly membership was cancelled, the court acquitted Azam Khan, will the legislature be restored?

बाद में आजम खान में एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले को लेकर याचिका दाखिल की थी। बहस पूरा होने के बाद इस पर फैसला आया है। एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान की 3 साल की सजा को आज खारिज कर दिया है। इसके बाद उन्हें बरी कर दिया गया।

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दरअसल, पूरा मामला 2019 के लोकसभा चुनाव का है। एक चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी की थी। इसके बाद भाजपा नेता और रामपुर सीट से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत की थी। उन्हें बाद में दोषी करार दिया गया था।

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बताते चले कि सपा नेजा आजम खां को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनको नफरती भाषण देने के आरोप से बरी कर दिया है। इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2022 को आजम खां को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी।

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इस सजा के खिलाफ आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट ट्रायल की कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है। 

जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख किया गया है। सेशन कोर्ट के फैसले से आजम खां को बड़ी राहत मिली है, लेकिन उनकी विधायकी बहाल होने पर अभी संदेह है। क्योंकि छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी चली गई थी।