Budaun News: पहले मारी गोली, फिर दिए रुपये और विजिटिंग कार्ड, अब हुआ खुलासा
Budaun News: बदायूं के कादरचौक थाना क्षेत्र में बृहस्पतिवार रात दो किसानों को गोली मारने वाले दो बदमाश पकड़े गए। उनका एक साथी फरार है। तीनों बदमाशों ने अपने दुश्मनों को फंसाने के लिए दोनों किसानों को गोली मारी थी। उनको विजिटिंग कार्ड भी पकड़ाया था। एक किसान को उपचार के लिए रुपये भी दिए थे। पुलिस ने पकड़े गए दोनों बदमाशों को जेल भेज दिया है।
बृहस्पतिवार रात कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव लभारी में तीन बदमाशों ने फसल की रखवाली करने के दौरान किसान दाताराम और गढ़िया नगला निवासी मुनेश को पैर में गोली मारी थी। मुनेश ने बताया था कि बदमाशों की संख्या तीन थी।
उन्होंने गोली मारने के बाद उसे 950 रुपये और कछला निवासी नजीम व जूने आलम के नाम का विजिटिंग कार्ड दिया था। वारदात के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए थे, लेकिन रुपये देने और विजिटिंग कार्ड देने की बात पुलिस को हजम नहीं हो रही थी।
थाना पुलिस ने इसी आधार पर अपनी छानबीन शुरू कर दी थी। पुलिस ने विजिटिंग कार्ड के आधार पर नजीम और जूने आलम से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले कछला गंगा घाट पर उनके साले कमल हसन की लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई थी।
इसमें पुलिस ने पांच लोगों को जेल भेजा था। शायद उनमें से कोई आरोपी हो सकता है। छानबीन के दौरान मंगलवार रात पुलिस ने जोरी नगला तिराहे से कासगंज के सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्र के गांव नवाबगंज नगरिया निवासी राजकुमार जोशी और डरैय्या नगला निवासी ज्ञान सिंह शाक्य को दबोच लिया।
दोनों ने पूछताछ में बताया कि इस घटना को अंजाम उनके साथी न्याजी नगला निवासी इरफान ने दिया था। दरअसल इरफान का बेटा इकराम और साले पंखिया नगला के कमल हसन की हत्या में जेल में हैं।
इरफान कई बार कमल हसन के बहनोई नाजिम और जूने आलम से फैसले की बात कर चुका था लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थे। इससे उसने दोनों को फंसाने के लिए कादरचौक इलाके में आकर दोनों किसानों को गोली मारी थी और विजिटिंग कार्ड पकड़ाया था।
फिलहाल पुलिस ने राजकुमार और ज्ञान सिंह को जेल भेज दिया है। इरफान की तलाश शुरू कर दी गई है। घटना में शामिल आरोपी ज्ञान सिंह इस समय कादरचौक में रह रहा है। इरफान और राजकुमार उसी के पास पहुंचे थे।
उन्होंने कस्बे से शराब के आठ क्वार्टर खरीदे और कस्बे के दक्षिण दिशा में स्थित एक बाग में जाकर शराब पी और बाइक लेकर निकल गए। उन्होंने लभारी गांव के नजदीक पुलिया के नीचे बाइक छिपाई और फिर किसानों को गोली मारी थी।