Child Marriage : बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रशासन ने बनाई विशेष टीम, जिसमें मिली भारी सफलता
Child Marriage : अक्षय तृतीया पर बाल विवाह होने की खबर मिलती रहती है। वहीं इस बार भी जिले में बाल विवाह के चार प्रकरण अक्षय तृतीया पर सामने आए हैं। यहां तीन बाल विवाह के ऐसे मामले हैं, जहां बारात निकलने से पहले ही शादी रोक दी गई। वजह थी शादी के लिए लड़के की उम्र 21 साल से कम होना पाया जाना।
अगर महिला बाल विकास की टीम शादी घरों में निरीक्षण नहीं करती तो बाल विवाह हो जाता। विभाग की तत्परता की वजह से बाल विवाह को रोकने में सफलता मिली। इन चारों बाल विवाह के मामले में तीन मामले ऐसे हैं, जिसमें लड़का विवाह योग्य उम्र नहीं हुआ था।
वहीं एक मामले में लड़की की उम्र 18 साल से कम थी। जिले में पहली बार प्रशासन द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के लिए विशेष टीम बनाई गई थी, जिसमें सफल भी हुए। वहीं इन चारों मामले में महिला बाल विकास विभाग की टीम ने वर वधु के परिजनों के बीच काउंसिलिंग कराकर व सहमति पत्र भराकर विवाह रुकवाया।
अब जब तक वर व वधु शादी की उम्र लड़के की 21 साल व लड़की की 18 साल नहीं हो जाती, तब तक शादी नहीं कर पाएंगे। जिले की बात करें तो अक्षय तृतीया पर इस साल 260 से अधिक शादियां हुई हैं। वहीं महिला बाल विकास व बाल विवाह रोकथाम की टीम ने भी 150 से अधिक शादी घरों का निरीक्षण किया व दूल्हा-दुल्हन के उम्र का सत्यापन किया गया।
दूल्हा-दुल्हन के आधार कार्ड, अंकसूची मांगी गई, जिसमें जन्मदिन के आधार पर शुक्रवार को 3 व गुरुवार को एक बाल विवाह के मामले सामने आए। जिले के डौंडी ब्लॉक के एक गांव में लड़की की शादी हो रही थी। अक्षय तृतीया पर बारात आने वाली थी। दुल्हन ने हाथों में मेहंदी रचाई थी।
वहीं जब रात में ही बाल विवाह रोकथाम की टीम को लड़की की उम्र 16 साल होने की जानकारी मिली तो रात डेढ़ बजे ही विवाह स्थल पहुंचकर शादी रोकवा दी। यहां बारात गुंडरदेही ब्लॉक से शुक्रवार को आने वाली थी पर अब दोनों पक्ष का काउंसिलिंग कराई गई।
अब दोनों की शादी दो साल बाद होगी, जब लड़की की उम्र 18 साल हो जाएगी। गुंडरदेही ब्लॉक के एक गांव में युवती की शादी हो रही थी। यहां दुल्हन की उम्र तो 18 साल यानी शादी करने योग्य थी। लेकिन होने वाला दूल्हा, जो दुर्ग जिले के एक गांव से आने वाला था, उसकी उम्र 21 साल से कम निकली।
यहां दूल्हा का बारात वाहन सजकर तैयार था व दूल्हे के कार में बैठने से पहले ही विभाग की टीम को पता चला की उम्र कम है तो दुर्ग महिला बाल विकास की टीम को सूचना देकर टीम ने यह विवाह रूकवा दी। यहां दूल्हा 20 साल का था।
टीम ने दोनों पक्ष को समझाया और शादी को एक साल बाद करने, जब युवक की उम्र 21 साल हो जाए, तब करने की समझाइश दी, जिस पर परिजनों ने सहमति जाहिर की। डौंडी ब्लॉक के एक गांव में बारात आने की तैयारी चल रही थी।
अक्षय तृतीया पर जब टीम ने निरीक्षण किया तो यहां दुल्हन की उम्र तो ठीक थी पर दूल्हा जो राजनांदगांव से बारात लेकर आने वाला था, उसकी उम्र 21 वर्ष से कम थी, जिसके बाद टीम ने शादी रुकवा दी। अब दोनों की शादी युवक के 21 साल होने के बाद ही की जाएगी।
वहीं चौथा मामला 9 मई का है, जहां कवर्धा से अर्जुंदा क्षेत्र के एक गांव में बारात आने वाली थी। पर बारात आने से एक दिन पहले टीम को पता चला की दूल्हा 20 साल का है। इसलिए शादी रोक दी गई। जिले की बात करें तो बाल विवाह कराने के प्रयास के मामले 9 साल में 35 मामले सामने आए हैं। हालांकि टीम की सक्रियता से बाल विवाह होने से बच गया। वहीं इस साल बाल विवाह रोकने के 4 मामले सामने आए हैं।