Gyanvapi Case: कोर्ट में दाखिल नहीं हुई ASI रिपोर्ट, टीम ने मांगा 15 दिन का समय
Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे रिपोर्ट आज भी जिला जज की अदालत में पेश नहीं की जा सकी। ASI की टीम ने रिपोर्ट सबमिट करने के लिए अतिरिक्त 15 दिनों का समय मांगा है। ASI की टीम ने 15 दिनों का अतिरिक्त समय को लेयर अर्जी दाखिल करते हुए कहा कि कोर्ट की ओर से तय तारीख यानी आज सर्वे रिपोर्ट पूरी तरह से तैयार नहीं हो सकी है।
इसलिए उन्हें और 15 दिनों का समय दिया जाए। त्योहारों की छुट्टी को लेकर रिपोर्ट तैयार होने में देरी हुई है। 21 जुलाई को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने ASI को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के सर्वे कराने का आदेश दिया था।
बीते दो नवंबर को एएसआई ने कोर्ट को बताया कि परिसर का सर्वे पूरा हो चुका है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिन का समय और चाहिए। अदालत ने आज यानी 17 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट जारी करने का आदेश दिया।
लेकिन, आज भी ASI की टीम ने 15 दिनों का अतिरिक्त समय मांगते हुए अर्जी दाखिल की है। बताते चले कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से आज वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में नहीं जमा की जा सकेगी।
केंद्र सरकार के स्पेशल गवार्निंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने कहा कि अभी रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। 15 दिन का अतिरिक्त समय देने के लिए हम अदालत में आवेदन देने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अलग-अलग स्थानों से आई टीमों और त्योहारों के अवकाश के कारण रिपोर्ट तैयार होने में देरी हुई है।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़ कर) के सर्वे का आदेश एएसआई को दिया था। 24 जुलाई से एएसआई की टीम ने सर्वे का काम शुरू किया था।
दो नवंबर को एएसआई ने अदालत को बताया कि सर्वे पूरा हो चुका है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिन का समय और चाहिए। अदालत ने 17 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।
ज्ञानवापी में सर्वे करने वाली टीम में एएसआई के देश भर के विशेषज्ञ शामिल हुए थे। डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आलोक कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में सारनाथ, प्रयागराज, पटना, कोलकाता और दिल्ली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने सर्वे का काम किया। जीपीआर तकनीक से अध्ययन के लिए हैदराबाद से विशेषज्ञों का दल आया था।
दो बार रुक चुका है ज्ञानवापी सर्वे - 24 जुलाई - ज्ञानवापी में सर्वे का काम शुरू हुआ व कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया, 4 से 14 अगस्त तक- सर्वे का काम हुआ, 7 सितंबर - मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण ज्ञानवापी में सर्वे का काम नहीं हुआ, 8 सितंबर - कोर्ट द्वारा सर्वे की समय सीमा चार हफ्ते बढ़ाया गया, 6 अक्तूबर - ज्ञानवापी में सर्वे की समय सीमा चार हफ्ते और बढ़ाई गई, 2 नवंबर- एएसआई ने बताया सर्वे पूरा हुआ। कोर्ट का 17 नवंबर तक रिपोर्ट देने का आदेश।
21 जुलाई के अदालत के आदेशानुसार एएसआई को अपनी रिपोर्ट के माध्यम से यह बताना है कि क्या ज्ञानवापी में मंदिर को ध्वस्त कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है? वहीं, सर्वे के दौरान साक्ष्य के रूप में मिली 250 सामग्रियां अदालत के आदेश से छह नवंबर को एडीएम प्रोटोकॉल की देख-रेख में कोषागार के डबल लॉक में रखवाई गई थी।