Himanchal: आग के कहर में 4 बच्चों की जिंदा जलकर मौत, मृतकों में शामिल हैं तीन सगे भाई-बहन
Himanchal: हिमाचल के ऊना जिले में झुग्गियों में आग लगने से बिहार के मजदूरों के चार बच्चों की मृत्यु हो गई। मृत बच्चों की आयु 6 से 16 साल के बीच में है। इन चार बच्चों में से तीन एक ही परिवार के हैं। ये सभी बच्चे दरभंगा जिले के बहेड़ा थाने के नंदापट्टी एवं डखराम गांव के हैं।
नंदापट्टी के रमेश कुमार के तीन बच्चों पुत्री नीतू कुमारी (12 वर्ष), पुत्र शिवम कुमार (9 वर्ष), भोला कुमार (7 वर्ष) और डखराम निवासी बैजनाथ तांती उर्फ कारी के पुत्र आजाद कुमार उर्फ सोनू कुमार (16 वर्ष) की मौत झुलसने से हो गई। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। एसपी ऊना अर्जित सेन ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है।
घटना बुधवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे की है। ऊना जिले के औद्योगिक क्षेत्र गगरेट में सोमभद्रा तटीकरण पर बनी मजदूरों की झुग्गियों में आग लगने की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए, लेकिन तब तक चारों बच्चे दम तोड़ चुके थे। विधायक चैतन्य शर्मा भी रात को मौके पर पहुंचे और प्रशासन को राहत कार्य तेज करने के आदेश जारी किए।
रमेश कुमार के तीन बच्चे टीवी देखने के लिए माता-पिता से अलग झुग्गी में सो रहे थे। बैजनाथ तांती उर्फ कारी का पुत्र सोनू माता-पिता से अलग साथ वाली झुग्गी में सो रहा था। पुलिस को दिए बयान में स्वजन ने कहा है कि जब आग लगी तो उन्हें ध्यान नहीं रहा कि बच्चे दूसरी झुग्गी में हैं।
जब याद आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग इतनी तेजी से फैली कि बच्चों को झुग्गी से बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। पटवारी की निशानदेही के बाद जिस भूमि पर झुग्गियों का निर्माण किया गया था, उसके मालिक पर भी केस दर्ज किया जाएगा।
आग लगने से दरभंगा निवासी चार बच्चों की मौत के बाद बहेड़ा थाने के नंदापट्टी एवं डखराम गांव में कोहराम मच गया। चारों बच्चे आपस में रिश्तेदार थे और एक ही झुग्गी में सोए थे। बगल की दूसरी झुग्गी में रमेश अपनी पत्नी के साथ सोया था। नंदापट्टी निवासी रमेश दास के तीन बच्चों पुत्री नीतू, पुत्र शिवम एवं भोला की मौत आग में झुलसने से हो गई। डखराम निवासी बैजनाथ तांती उर्फ कारी के पुत्र आजाद उर्फ सोनू की भी आग से झुलसकर मौत हो गई।
तीन पोते-पोतियों की मौत से नंदापट्टी में रमेश दास की मां चानो देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोग सांत्वना देने में लगे हुए हैं। लोग अफसोस जताते हुए कह रहे थे कि रमेश का परिवार पूरी तरह उजड़ गया। रमेश दास करीब छह वर्षों से हिमाचल प्रदेश में रहकर राजमिस्त्री का काम करता था।
वह एक साल पहले अपने घर आया था और पत्नी व बच्चों को साथ लेकर ऊना चला गया था। रमेश हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक झुग्गीनुमा घर में रहता था। वह दो भाईयों में छोटा है और उसके बड़े भाई सुरेश दास गांव में ही रहकर चालक का काम कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
डखराम का सोनू गरीबी की वजह से 6 माह पहले नंदापट्टी निवासी अपने फूफा रमेश दास के पास मजदूरी करने हिमाचल प्रदेश गया था। वहां फूफा के साथ मजदूरी करता था। उसकी मां देव देवी को आसपास के लोग उसको सांत्वना देने पहुंचे तो गमगीन माहौल देख उनकी आंखों से आंसू बहने लगे।
मां विलाप करते-करते बार-बार बेहोश हो जाती थी। सांत्वना देने वाले उनके मुंह पर पानी का छींटा मार रहे थे। होश आने पर कहती- सोनू कहां चैल गेला, मुंह नय देख देला अभागिन मां कय।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पोस्टमार्टम के बाद चारों बच्चों को वहीं अंतिम संस्कार कर दिया गया है। रमेश अपनी पत्नी के साथ गांव लौट रहा है। विधायक प्रो. विनय कुमार चौधरी ने गुरुवार को नंदापट्टी व डखराम पहुंचकर पहुंचकर हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में मरे चार बच्चों के स्वजन से मिलकर सांत्वना दी।
नंदापट्टी में बच्चों की दादी चानो देवी का ढांढस बंधाते हुए उन्होंने कहा कि इस विपत्ति की घड़ी में हम आपके साथ हैं। उन्होंने बताया कि इस परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी और इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आज ही बात करेंगे ताकि हिमाचल प्रदेश सरकार से भी समन्वय स्थापित कर समुचित कार्रवाई एवं आर्थिक सहायता दी जाए।
इससे पूर्व विधायक प्रो. चौधरी ने रमोली गांव पहुंचकर मोटरसाइकिल दुर्घटना में मरे शिवकुमार के पिता कृष्णकांत मिश्र की भी खोज खबर ली और उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान जदयू के जिला महासचिव प्रेम कुमार झा, प्रभात कुमार झा, भाजपा नेता मुनीन्द्र यादव आदि थे। दोनों परिवार के मृतकों की सूची बनाकर आपदा विभाग को भेज दी गई है। सरकारी प्रावधान के अनुसार सबको सहायता राशि मिलेगी।