Lucknow Crime: दुकानदार ने भाई और बहन को मारी गोली, 28 सेकंड के वीडियो में वारदात आई सामने
Lucknow Crime: लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में शुक्रवार सुबह बाइक हटाने को लेकर हुए विवाद में परचून दुकानदार ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से पड़ोसी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। पड़ोसी व उनकी बहन गोली लगने से जख्मी हो गई। दोनों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने आरोपी दुकानदार को लाइसेंसी रिवॉल्वर के साथ गिरफ्तार कर लिया है। शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने के लिए पुलिस जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजेगी। ठाकुरगंज के दौलतगंज निवासी सागर कनौजिया के मुताबिक उनके पड़ोस में रहने वाले परचून दुकानदार मनोज मिश्र को शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे अपनी कार निकालनी थी।
गली में ही सागर के भाई व नगर निगम के संविदा कर्मचारी मोनू (30) की बाइक खड़ी थी। पड़ोसी मनोज ने मोनू और उनके घरवालों से बाइक हटाने के लिए कहा। इस पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि मनोज दौड़कर अपने घर से लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाल लाया और दो से तीन राउंड फायरिंग कर दी।
मोनू के कमर के पास व उनकी बहन मानसी (20) के पैर में गोली लगी और दोनों खून से लथपथ होकर गिर पड़े। मोहल्ले में फायरिंग से अफरातफरी मच गई। आरोपी मनोज पर घायल मोनू के बुजुर्ग पिता हरिप्रसाद से भी मारपीट करने का आरोप है।
फायरिंग की सूचना पर पहुंची ठाकुरगंज पुलिस ने घायल मोनू और मानसी को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि मोनू के भाई सागर ने मनोज के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज श्रीकांत राय ने बताया कि घायल मोनू के खिलाफ भी तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 2016 में उसपर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई थी। उसको जिलाबदर भी किया गया था। दुकानदार मनोज और पड़ोसी मोनू के परिजनों के बीच विवाद व फायरिंग का 28 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ है।
इसमें मनोज रिवॉल्वर लिए है और कुछ लोग उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच मनोज ने लोगों के बीच से ही गोली चला दी। गोली लगने से घायल मोनू के भाई सागर कनौजिया ने बताया कि पड़ोसी मनोज मिश्र उनके परिवार से बेवजह रंजिश रखता है।
वो अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़ने लगता है। कुछ साल पहले भी मनोज और उसके एक साथी ने इसी तरह असलहा दिखाते हुए उनके परिवार को धमकाया था। एसीपी चौक राजकुमार सिंह का कहना है कि आरोपी दुकानदार मनोज के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने के लिए रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जा रही है।