Lucknow Hit And Run Case: स्केटिंग क्लबों को दिए गए नोटिस, मुख्य कोच व साथी कोच पर दर्ज हुआ एफआईआर
सवाल ये कि आखिर किसने दी यहां अभ्यास करने की अनुमति?
Lucknow Hit And Run Case: जी-20 मार्ग पर स्केटिंग के दौरान एएसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे नामिश की मौत के बाद पुलिस ने सख्ती शुरू की है। जनेश्वर मिश्र पार्क में स्केटिंग सिखाने वाले चारों क्लब के सभी कोच को नोटिस भेजा गया है। उधर प्रकरण में जिन दो कोचों पर एफआईआर दर्ज हुई है उनमें से एक कोच से पुलिस ने बृहस्पतिवार को पूछताछ की।
मुख्य कोच शहर से बाहर है, पुलिस ने उससे संपर्क कर बुलाया है। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास के मुताबिक नामिश अवध क्लब के तहत स्केटिंग करता था। जिसके मुख्य कोच दिव्यांश अरोड़ा व साथी कोच पर एफआईआर दर्ज की गई थी। दिव्यांश शहर से बाहर है। उसे जल्द से जल्द बुलाया गया है।
नामजद दूसरा कोच ही हादसे के दिन नामिश को स्केटिंग सिखा रहा था। उससे पूछताछ की गई है। वह खुद को नाबालिग बता रहा है। उससे जन्मतिथि संबंधी दस्तावेज मांगे गए हैं। दोनों से विस्तृत पूछताछ व साक्ष्य जुटाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, हादसे के बाद पुलिस बेहद सक्रिय है। जी-20 मार्ग के अलावा ताज होटल से जनेश्वर मिश्र पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग को भी बैरिकेडिंग से लैस किया गया है। जगह-जगह बैरिकेडिंग इसलिए लगाए गए हैं, जिससे वाहन बेकाबू रफ्तार में न चलें।
एडीसीपी ने बताया कि पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वह संबंधित मार्गों पर गश्त करे। जो भी स्टंट करते या तेज रफ्तार में वाहन चलाते मिले, उस पर कार्रवाई की जाए। एडीसीपी ने बताया कि जो भी क्लब स्केटिंग सिखाते हैं, उनके सभी कोच को नोटिस जारी किया गया है।
नोटिस के जरिये पुलिस ने पूछा कि जनेश्वर मिश्र पार्क में स्केटिंग सिखाने या अभ्यास करने की अनुमति किसने दी? अगर कोई इस तरह का हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन होगा? सड़क पर अभ्यास क्यों कराया जाता है? इससे स्केटिंग करने वाले और सड़क पर चलने वालों की जान खतरे में रहती है।
गाजीपुर थाना क्षेत्र के संजय गांधी पुरम निवासी एएसपी श्वेता श्रीवास्तव एसआईटी में तैनात हैं। वह मंगलवार भोर अपने दस वर्षीय बेटे नामिश को लेकर जनेश्वर मिश्र पार्क में स्केटिंग का अभ्यास कराने गई थीं। जहां कोच जी-20 मार्ग पर नामिश को अभ्यास कराने लगा था। श्वेता भी वहीं पर थीं।
तभी शहीद पथ की तरफ से आई तेज रफ्तार एसयूवी ने नामिश को रौंद दिया था। हादसे को अंजाम देने वाले सार्थक सिंह व देवश्री को पुलिस ने कुछ घंटों में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं, सार्थक के पिता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य रविंद्र सिंह को साक्ष्य मिटाने का आरोपी बनाया गया था। जिन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी।