Umesh Pal Murder Case: उमेश से अदावत थी, पर हत्या की साजिश की बात गलत : अतीक
Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड में कस्टडी रिमांड पर लिए गए अतीक अहमद व अशरफ से पूछताछ के लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) की टीम धूमनगंज थाने पहुंची। टीम ने लगभग चार घंटे तक दोनों से पूछताछ की। इस दौरान उनके पाकिस्तानी कनेक्शन को लेकर सवाल पूछे गए। पूछा कि वे आईएसआई व लश्कर ए तैयबा के संपर्क में कैसे आए।
एटीएस की तीन सदस्यीय टीम बृहस्पतिवार देर रात भी धूमनगंज थाने पहुंची थी। लेकिन तब अनुमति न होने की वजह से वह अतीक-अशरफ से पूछताछ नहीं कर सकी थी। शुक्रवार को अनुमति संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एटीएस की टीम दोपहर एक बजे के करीब धूमनगंज थाने पहुंची। थाने में पहुंचने के बाद अतीक व अशरफ को लॉकअप से निकालकर उनके सामने लाया गया।
इसके बाद टीम ने दोनों से पूछताछ शुरू की। पहले अतीक से उसके पुलिस को दिए गए बयान के बाबत सवाल पूछे गए। इसमें पाक कनेक्शन से लेकर आईएसआई व आतंकी संगठन लश्कर से जुड़े सवालों के जवाब मांगे गए।
इसके बाद अशरफ से पूछा गया कि उसका भाई हथियारों का इंतजाम जहां से करता था, उसके बारे में वह क्या जानता है। इस तरह से करीब चार घंटे तक एक-एक कर दोनों से सवाल जवाब किए जाते रहे। पांच बजे के बाद टीम वापस चली गई। टीम में एक सीओ व दो इंस्पेक्टर शामिल रहे।
उमेश से अदावत थी, पर हत्या की साजिश की बात गलत-अतीक - इस दौरान माफिया अतीक अहमद ने पुलिस के एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘उमेश पाल से मेरी अदावत थी, इस बात को मैं कुबूल करता हूं। लेकिन उसकी हत्या की साजिश मैंने रची, यह इल्जाम बेबुनियाद है। मैं हजारों किमी दूर साबरमती जेल में हूं। वहां एक-एक बंदी पर नजर रखी जाती है। अब बताइए, कैसे साजिश रच सकता हूं।’
माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ से पूछताछ - माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ से कस्टडी रिमांड के दूसरे दिन गहन पूछताछ हुई। दोपहर में एटीएस के पहुंचने से पहले पुलिस ने तीन घंटे तक उनसे उमेश पाल हत्याकांड के राज उगलवाने की कोशिश की।
सुबह 10 बजे से दोनों से विवेचक ने सवाल पूछना शुरू किया। सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले विवेचक ने पूछा कि उमेश पाल को उसने क्यों मरवाया। उमेश मेरी खिलाफत करता था, जिसे लेकर मेरी उससे अदावत थी- अतीक - इस आरोप को अतीक ने सिरे से नकार दिया।
कहा कि उमेश राजू पाल हत्याकांड में गवाह नहीं था। सीबीआई ने उसे गवाह नहीं बनाया था। हां, वह मेरी खिलाफत करता था, जिसे लेकर मेरी उससे अदावत थी। लेकिन उसकी हत्या की साजिश मैंने रची, यह बात कोरी बकवास है। जहां तक अपहरण के केस की बात है, तो उसकी गवाही हो चुकी थी। ऐसे में उसके रहने या न रहने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था।
असद ने क्यों किया, यह मैं नहीं जानता - साजिश रचने के सवाल पर खुद को निर्दोष बताने वाले अतीक से दूसरा सवाल सीसीटीवी में असद की मौजूदगी के बारे में पूछा गया। इस पर उसने जवाब दिया कि असद वहां क्यों गया, उसने उमेश पर क्यों गोली चलाई, इस बारे में वह कुछ नहीं जानता।
कई सवालों पर साधी चुप्पी - कस्टडी रिमांड में पूछताछ के दौरान अतीक ने कुछ सवालों के जवाब बेबाकी से दिए। लेकिन कई सवाल ऐसे भी रहे, जिस पर उसने चुप्पी साध ली। विवेचक उससे बार-बार जवाब देने को कहते रहे लेकिन वह कुछ नहीं बोला। बहुत कुरेदने पर कुछ बोला भी, तो सिर्फ गोलमोल बातें करता रहा।
अशरफ फिर बोला- जेल में रहते हुए कैसे साजिश होगी - अशरफ पर भी कस्टडी रिमांड के दूसरे दिन सवाल दर सवाल दागे गए। अशरफ से पूछा गया कि उस पर उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। इस पर उसका कहना था कि वह बरेली जेल में बंद है।
उसने कहा कि क्या जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रची जा सकती है। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण केस में बरी किए जाने के बाद वापस बरेली जेल जे जाते वक्त भी उसने मीडिया के सवाल पर यही बात कही थी।
कौशाम्बी, फतेहपुर में दबिश - दिन भर चली पूछताछ के बाद देर शाम अतीक व अशरफ को लेकर धूमनगंज पुलिस थाने से निकल गई। सूत्रों का कहना है कि पुलिस को पता चला है कि उमेश पाल हत्याकांड में प्रयुक्त कुछ असलहे कौशाम्बी व फतेहपुर में छिपाए गए हैं। इसी की बरामदगी के लिए दोनों भाइयों को लेकर पुलिस टीम रवाना हुई है। खबर लिखे जाने तक पुलिस की दबिश जारी थी।
अतीक ने खाई मेस की दाल-रोटी, अशरफ ने चाय पीकर खोला रोजा - बेटे असद के एनकाउंटर की खबर मिलने से दुखी अतीक ने बृहस्पतिवार रात खाना खाने से मना कर दिया था। लेकिन शुक्रवार को उसने मेस में बनी दाल-रोटी खाई। उधर अशरफ ने शाम को चाय पीकर रोजा खोला।
सूत्रों का कहना है कि बेटे की मौत से दुखी अतीक ने सुबह पहले तो खाना खाने से इंकार कर दिया था। लेकिन भाई अशरफ ने उसे खराब सेहत का हवाला देकर खाना खाने की गुजारिश की। जिस पर वह मान गया। इसके बाद उसने दाल-रोटी खाने के बाद अपनी दवाएं लीं।