UP Crime News: ऐसी क्या मजबूरी है कि इन पुलिसकर्मी पर क्यो नहीं हो रही कार्यवाही ?
UP Crime News: वाराणसी जनपद में विगत दिनों पूर्व एक महिला सिपाही का एक ऑडियो क्लिप तेजी से वायरल हुआ जिसके सम्बन्ध में कुछ लोगों के द्वारा उक्त आडियों को अधिकारियों के संज्ञान में लाते हुये ट्विटर पर भी इसकी शिकायत की गयी है। जिसमें वर्तमान सरकारों के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुये कोसने का काम भी किया गया है।
वहीं सूत्रों द्वारा बताया गया कि वाराणसी जनपद के कैंट थाना क्षेत्र के फुलवरिया इलाके की निवासिनी महिला सिपाही कविता श्रीवास्तव द्वारा वर्तमान सरकारों के सम्बन्ध में काफी अनाप शनाप बोला गया है। उक्त ऑडियो में गालियां देने के साथ ही कहा जा रहा है कि ‘सरकार द्वारा क्या अधिकार दिया है बताइये इतना ड्यूटी इतना ड्यूटी लिया जा रहा है, चपक के काम ले रहे है, पुलिस को कोई सपोर्ट नही कर रहा है, पेंसन भी नही दी जा रही है।
नेताओं का भरा भंडार है, दो दिन के लिए नेता बन गए तो पेंशन लेते है नेता बाकी सब को दूध की मक्खी की तरह बाहर कर दिया जा रहा है।’ साथ ही उनकी पुत्री द्वारा अभद्र गाली भी दी जा रही है, जो अत्यंत निंदनीय हैै। तो इन मैडम से हम यह कहना चाहते है कि आप बात कर रही है कि सरकार ने क्या अधिकार दिया है।
तो बताते चले कि मैडम जहां आप सन 1990 में होमगार्ड में भर्ती हुई थी, उसके बाद सरकार ने आपको महिला सिपाही की वर्दी दे दी सन् 1997 में। नहीं तो आप एक होमगार्ड बनकर ही रह जाती। साथ ही यह वर्दी इसलिये भी दे दिया सरकार ने की ताकि आप इस वर्दी का धौंस दिखाकर कोई भी अनर्गल व गैरकानूनी कार्य कर सके जैसा आपके सहयोगी दरोगा असनी कुमार ने एक बेरोजगार युवक प्रभु दयाल निवासी परौली, सुहागपुर, जैथरा जनपद एटा से पशुपालन विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर 8 लाख रूपये की ठगी करने का कार्य किया, जिसमें माननीय न्यायालय के द्वारा आपके सहयोगी पर थाना जैथरा में मुकदमा दर्ज कराया गया।
जिसका मुकदमा अपराध संख्या 52/24 विभिन्न धाराओं में दर्ज कराया गया है, उक्त प्रकरण में आप सीसीटीवी फुटेज में भी अपने सहयोगी के साथ नजर आ रही है। वहीं जनपद एटा के ही थाना कोतवाली नगर जनपद एटा में पीड़ित प्रभु दयाल के द्वारा एक एनसीआर संख्या 7/2024 विभिन्न धाराओं में दर्ज कराया गया है।
वहीं न्यायिक मजिस्ट्रेट एटा के न्यायालय में भी एक परिवाद जो गम्भीर धाराओं 379, 380, 323, 325, 504, 506 में विचाराधीन है। वहीं थाना जसरथपुर जनपद एटा में पीड़ित श्रवण कुमार निगम के द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 147/2023 विभिन्न गम्भीर धाराओं में दर्ज कराया गया है। जिसमें ये महिला सिपाही सहित इनकी पुत्री भी आरोपी है।
वहीं इनकी बहू के द्वारा वाराणसी के थाना कैण्ट में मुकदमा अपराध संख्या 336/23 घरेलू हिंसा व दहेज प्रताड़ना से सम्बन्धित दर्ज कराया गया है, जिसमें उक्त महिला सिपाही, उनकी पुत्री और इनके सहयोगी व रिटायर्ड दरोगा असनी कुमार को आरोपी बनाया गया है।
वहीं जनपद प्रयागराज के थाना धूमनगंज में पीड़िता रत्नेश वर्मा जो असनी कुमार की पत्नी है के द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 350/23 विभिन्न धाराओं में इन्हीं महिला सिपाही कविता श्रीवास्तव के खिलाफ दर्ज कराया गया है। वहीं अब इन मुकदमों से हटकर बात करें तो जनपद मिर्जापुर के क्षेत्राधिकारी लालगंज के द्वारा जांच की गयी जिसमें महिला सिपाही कविता श्रीवास्तव व रिटायर्ड दरोगा असनी कुमार के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर को 3 मार्च 2024 को प्रेषित किया गया है।
जनपद चन्दौली के क्षेत्राधिकारी लाइन के द्वारा भी इन लोगों पर कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक जनपद चन्दौली को दिनांक 19 जनवरी 2024 को रिपोर्ट प्रेषित किया गया है। वहीं पुलिस उपाधीक्षक रेलवे अनुभाग लखनउ के द्वारा भी पुलिस अधीक्षक रेलवे अनुभाग लखनउ को इन लोगों पर कार्यवाही हेतु रिपोर्ट दिनांक 13 अक्टूबर 2023 को प्रेषित किया गया है।
वहीं अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण जनपद गाजीपुर के द्वारा भी दिनांक 2 मई 2024 को इन लोगों पर कार्यवाही हेतु रिपोर्ट प्रेषित किया गया है। उपरोक्त चारो जनपद क्रमशः मिर्जापुर चंदौली गाज़ीपुर व लखनऊ की जांच में स्पष्ट रूप से महिला सिपाही का अनैतिक कार्य मे लिप्त होने प्रमाणित है अब यदि बात करें तो जनपद एटा में असनी कुमार और सहयोगियों द्वारा दुस्साहसिक तरीके से जिस तरह से ठगी करने का कार्य किया गया था।
उसे विभिन्न सम्मानित समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित व प्रसारित भी किया था। अब बात की जाये तो जहां सरकारी वर्दी पहनकर इनके व इनके गिरोह के लोगों के द्वारा जिस तरह से अपराध दर अपराध को कारित किया गया है, तो क्या ऐसे में इन लोगों को सरकार के पेंशन व भत्ते की क्या आवश्यकता है।
जब ये लोग धौंस दिखाकर या जालसाजी व धोखाधड़ी कर सरकार के द्वारा दिये जा रहे या दिये जाने वाले पेंशन व भत्ते से ज्यादा की अवैध वसूली कर लेते है। आखिर एक बात इसमें ये समझ नहीं आती कि जहां इन महिला सिपाही पर इतने मुकदमें दर्ज है और अधिकारियों के द्वारा इन पर कार्यवाही के लिये वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भी प्रेषित की जा चुकी है तो पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी है कि इन्हें विभाग से बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाया जा रहा है ?