UP News: यूपी में अब और तेज दौड़ेगा बुलडोजर, अपराधियों के खिलाफ सिर्फ एक मुकदमा दर्ज होना काफी
उत्तर प्रदेश में अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने के लिए केवल एक मुकदमा होना पर्याप्त होगा। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद किसी भी अपराधी के खिलाफ यदि केवल एक मुकदमा दर्ज है।
तो भी उस पर उप्र गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। बता दें कि इस अधिनियम के तहत पुलिस अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करती है। अपराध के जरिए अर्जित इन संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलाया जाता है।
डीजीपी विजय कुमार द्वारा इस बाबत मातहतों को दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष यह विषय विचार हेतु प्रस्तुत हुआ कि क्या एक ही अपराध के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध उप्र गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के अधीन कार्रवाई की जा सकती है।
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद 4 अगस्त को जारी आदेश में इसे सही ठहराया है। बीते वर्ष उच्चतम न्यायालय ने भी इस सिद्धांत को स्वीकार किया था। डीजीपी ने समस्त पुलिस आयुक्त एवं जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि वह उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें।
मचान पर सो रहे किसान पर तेंदुए ने किया हमला, 20 मिनट तक दोनों लड़ते रहे, ग्रामीण हुए हैरान
सीतापुर जिले के सकरन इलाके में बीती रविवार रात फसल की रखवाली कर रहे एक किसान पर मचान पर चढ़कर तेंदुए ने हमला कर दिया। किसान शोर मचाते हुए तेंदुए से भिड़ गया। करीब बीस मिनट तक दोनों के बीच चले मल्ल युद्ध के बाद ग्रामीणों के आ जाने पर तेंदुआ भाग गया।
ग्रामीणों ने तेंदुए और किसान के बीच लड़ाई देखी तो वह भी हैरान रह गए। हर तरफ किसान अक्षय लाल की बहादुरी की ही चर्चा हो रही है। सकरन क्षेत्र के काजीपुर गांव निवासी किसान अक्षय लाल (30) पुत्र छोटेलाल रविवार की रात अपने खेत में बने मचान पर बैठा फसल की रखवाली कर रहा था।
रात करीब दस बजे अचानक पहुंचे तेंदुए ने मचान पर चढ़कर किसान पर हमला बोल दिया। अपना बचाव करते हुये किसान भी तेंदुए से भिड़ गया। इसी बीच अक्षय लाल ने शोर मचा दिया। करीब बीस मिनट तक तेंदुए व किसान के बीच मल्लयुद्ध होता रहा तब तक लाठी डंडों से लैस होकर वहां सैकड़ों ग्रामीण आ गये।
शोरगुल व टार्च की रोशनी देख तेंदुआ भाग गया। तेंदुआ के पंजे से अक्षय घायल हो गया था। जिसको लेकर परिजन सीएचसी सांडा गये। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने उसे घर भेज दिया। मामले को लेकर जब वन दरोगा नरेन्द्र पाल यादव से बात की गयी तो उन्होने बताया कि जमीन सूखी होने के चलते मौके से किसी भी प्रकार के पदचिह्न नहीं मिले हैं। हमले से कोई जंगली जानवर ही लग रहा है।