Varanasi Court: चिल्ड्रेन एकेडमी के दबंग संचालक महिपाल दास गुप्ता को अब पत्नी को देना होगा 90 हजार रूपये प्रतिमाह
Varanasi Court: वाराणसी। जनपद के कमच्छा इलाके में स्थित चिल्ड्रेन एकेडमी के दबंग संचालक महिपाल दास गुप्ता के कुकृत्यों से जनपद के हर लोग वाकिफ है। बताते चले कि ये स्कूल संचालक के लिये क्या बहन, क्या पत्नी, क्या बेटी और क्या गरीब मजदूर। ये अपना आतंक समय समय पर सभी पर दिखाते रहते है और अपनी षारीरिक जोर आजमाईष भी करने से बाज नहीं आते।
जबकि पूर्व में इनका बहन, पत्नी, बेटी व एक गरीब मजदूर के साथ मारपीट का वीडियों भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो चुका है। जिसमें इनके द्वारा बहन, पत्नी, बेटी व एक गरीब मजदूर को मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही है और अपनी बेटी पर चारित्रिक आरोप लगाने से भी बाज नहीं आते। सूत्र बताते है कि ये स्कूल संचालक इतने दबंग है कि इनके आगे शिक्षा विभाग के अधिकारी भी बौने साबित हो रहे है।
ये अपने दबंगई के बल पर बिना शिक्षा विभाग से मान्यता लिये हाईस्कूल की शिक्षा छात्र/छात्राओं को ग्रहण करा रहे है। इतना ही इनके द्वारा इसी कमच्छा के स्कूल प्रांगण में अवैध तरीके से होटल बनाने का कार्य भी किया जा रहा था, जिसमें वाराणसी के विकास प्राधिकरण की भूमिका भी संदिग्ध थी, परन्तु षिकायतकर्ताओं के आगे वाराणसी विकास प्राधिकरण को भी झुकना पड़ा और इनके अर्धनिर्मित निर्माण कार्य को सील करना पड़ा।
इसी क्रम में आगे बताते चले कि अपर प्रधान न्यायाधीश (प्रथम) अंकिता दुबे की अदालत ने दो बच्चियों के भरण-पोषण के लिए वादी महिपाल दास गुप्ता को प्रतिमाह 10 तारीख तक 40 हजार रुपये तथा अधिवक्ता खर्च 50 हजार देने का आदेश दिया है।
साथ ही अदालत ने पत्रावली वास्ते साक्ष्य वादी महिपाल दास गुप्ता को 20 नवंबर 2024 को अदालत में पेश होने का भी आदेश दिया। अदालत में प्रतिवादिनी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा के द्वारा रखा गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रतिवादिनी/पत्नी द्वारा प्रार्थना पत्र धारा 24 हिविअधि. के अन्तर्गत प्रस्तुत किया था।
वहीं पत्नि का आरोप है कि वादी दूसरी महिला के साथ रहता है जिससे उसको दो पुत्र हैं। विगत कई माह से वह प्रतिवादिनी को कोई खर्च नहीं दे रहा है, जबकि प्रतिवादिनी को वादी से दो पुत्रियां हैं जो अभी अविवाहित हैं तथा वादी पर भरण पोषण हेतु निर्भर है। वादी का चिल्ड्रेन एकेडमी नामक स्कूल कमच्छा वाराणसी में चलता है, जिसकी विभिन्न स्थानों पर फ्रेंचाइजी भी है।
इन स्कूलों से लगभग 8,00,000/- रुपए प्रति माह की आमदनी होती है। सम्राट मार्केटिंग, एवीएस साइबर कैफे, मोबाईल षाॅप व पान आदि की दुकानों के किराए के रूप में 62, 500/- तथा एक अन्य मकान में बड़ौदा यूपी बैंक किराये पर हैं, जिससे किराया 60,000/- प्रति माह प्राप्त होता है।
इसके अतिरिक्त वादी द्वारा बिना लाइसेंस के गहना आदि गिरवी रखकर 10 से 15 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जाता है, जिससे उसे 2,00,000/- प्रति माह आमदनी होती है। वादी पिजोरिया कैफे व मुगलई नामक रेस्टोरेंट चलाता हैं, जिससे उसे लगभग 1, 25,000/- की आमदनी होती है।
वह वाटर स्पोर्ट्स का भी व्यवसाय करता है. जिससे उसे लगभग 1,00,000/- प्रति माह आमदनी होती है। यह पिक्चर बनाता है, जिससे उसे लगभग 1,00,00,000/- की प्रति माह आमदनी होती है। वह डायनामिक्स मोटर्स नामक व्यवसाय करता है, जिससे उसे लगभग 20,000/- प्रति माह की आमदनी होती है।
इस प्रकार वादी को लगभग 1,23,37,500/- (एक करोड़ तेईस लाख सैतीस हजार पांच सौ रूपये) की आय प्रति माह प्राप्त होती है। अतः 2,00,000/- (दो लाख रूपये) प्रति माह भरण पोषण हेतु दिलाए जाने की याचना की गई है। प्रार्थना पत्र के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
जहां न्यायालय के द्वारा प्रतिवादी को भरण-पोषण के लिए पत्नी को 40 हजार व अधिवक्ता खर्च 50 हजार रूपये प्रतिमाह देने का न्यायालय के द्वारा आदेश दिया गया।