Varanasi Crime: टोल प्लाज़ा पर मारपीट के मामले में 8 आरोपियों को मिलीं जमानत

 
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अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी व मनोज कुमार दूबे ने पक्ष रखा

Varanasi Crime: वाराणसी। टोल प्लाजा पर मारपीट के मामले में 8 आरोपियों को न्यायालय के द्वारा राहत दी गई है। सत्र न्यायाधीश संजीव पांडेय की अदालत ने नरायनपुर थाना चौबेपुर निवासी विनय चौहान, शहाबगंज चन्दौली निवासी रजनीकांत यादव, धानापुर चन्दौली निवासी सूरज वर्मा, मार्टिनगंज गाजीपुर निवासी सूरज कुमार, सिकन्दपुर बलिया निवासी अंकित कुमार, कादीपुर खुर्द, थाना चौबेपुर निवासी रामदुलार यादव, बेगुनिया पाण्डा, जिला गंजम

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निवासी कृष्णा सेठी व गिरधरपुर थाना चौबेपुर निवासी विमल कुमार चौबे को पचास पचास हजार रुपये की दो जमानत एवं बन्ध पत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। वही न्यायालय में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी व मनोज कुमार दूबे ने पक्ष रखा।

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अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी राहुल राजभर ने चौबेपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। जिसमे आरोप था कि 4 मई 2024 को शाम 5:30 बजे वादी भाई रामशीष राजभर बोलेरो वाहन से अपने घर के लोगों को पूजा कराने के लिए शादियाबाद जिला गाजीपुर मार्ग से महादेव मंदिर कैथी वाराणसी गया था और दर्शन के बाद वापस आते समय कैथी प्लाजा पर टोल कटवाने के बावजूद टोल प्लाजा पर नियुक्त कर्मचारी गण के द्वारा गाली गलौज, मारपीट की जाने

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लगी तथा वादी के भाई की गाड़ी बोलेरो को तोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया। गाड़ी में बैठी महिलाओं तथा उन लोगों के साथ भी बुरी तरीके से बेरहमी से मारपीट की गई तथा महिलाओं का चेन छीन लिया गया। अदालत में अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि सभी आरोप बेबुनियाद व निराधार है।

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टोल प्लाजा पर वर्तमान समय में फास्ट ट्रैक के द्वारा वसूली होती है, जिसमें वादी मुकदमा द्वारा स्वयं टोल के पैसे को न देने के कारण विवाद उत्पन्न हुआ। वादी मुकदमा दबंग प्रकृत्ति का रहा है और टोल पर बैरियर तोड़ते हुए भागने का प्रयास कर रहा था और पकड़े जाने पर झूठ का मुकदमा दर्ज करा दिया।

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आरोपित बेरोजगार छात्र है जो अभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है और अपना खर्च चलाने के लिए टोल प्लाजा पर काम भी कर रहा हैं। टोल का मालिक क्षेत्रीय व्यक्ति होने के कारण चन्द दबंग लोग और टोल के संचालन से रंजिश व ईर्ष्या के कारण उक्त झूठ व मनगढ़ंत आरोप टोल प्लाजा के संचालक के कर्मचारियों के विरुद्ध लगाए गए हैं।

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वही न्यायालय के द्वारा दोनों पक्षो के तर्क को सुनने के बाद आरोपियों को पचास-पचास हजार रुपये की दो जमानत एवं बन्ध पत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया गया है।

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