Varanasi Crime: अप्राकृतिक दुष्कर्म व गर्भपात के मामले में पति की जमानत अर्जी खारिज
Bhuvaneshwari Mullick
वाराणसी। दहेज के लिए विवाहिता को मारने-पीटने, प्रताड़ित करने, अप्राकृतिक दुष्कर्म करने व उसका गर्भपात कराने के मामले में आरोपित पति को कोर्ट से राहत नहीं मिली। प्रभारी जिला जज अनिल कुमार पंचम की अदालत ने हंसतल्ले, जैतपुरा निवासी आरोपित पति रेयाज अहमद की जमानत अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी।
अदालत जमानत अर्जी का विरोध अधिवक्ता अनुज यादव, सौरभ यादव व नरगिस अंसारी ने किया। प्रकरण के अनुसार वादिनी नसीम बानो ने जैतपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप था कि उसका विवाह वर्ष 2018 में हंसतल्ले, जैतपुरा निवासी रेयाज अहमद के साथ हुआ था।
शादी के बाद से ही पति रेयाज अहमद, देवर नसीम अहमद, ननद फरजाना बीबी, रजिया, रूखसाना, देवरानी शबाना, जेठ की लड़किया अजरा व बुशरा आये दिन 5 लाख रूपये की मांग को लेकर प्रार्थिनी को मारती-पीटती थी।
वह रेयाज अहमद की तीसरी पत्नी है, जिसके साथ आये दिन अप्राकृतिक तरीके से शारीरिक सम्बन्ध बनाता है। इसी दौरान जब वह अप्रैल 2023 में गर्भवती हुयी तो सभी आरोपितों ने कहा कि जाओ अपने बाप से पांच लाख रूपये लेकर आओ।
प्रार्थिनी द्वारा इन्कार करने पर सभी अभियुक्तगण प्रार्थिनी का बाल पकड़कर घसीटते हुये उसको जमीन पर पटक दिये और भद्दी भद्दी गालियां देते हुये पति व देवर ने प्रार्थिनी के पेट में पल रहे बच्चे की हत्या करने व प्रार्थिनी की हत्या करने के लिये उसके पेट में जोर से मारे।
जिससे प्रार्थिनी को काफी खून जाने लगा तथा प्रार्थिनी के नाबालिग पुत्र को जान से मारने के लिये उसके प्राइवेट पार्ट को दबा दिये कि प्रार्थिनी का पुत्र भी मर जाये। जिससे प्रार्थिनी जोर जोर से चिल्लाने लगी।
शोरगुल की आवाज सुनकर आस पड़ोस के लोग आ गये और बीच बचाव किये। जिसके बाद प्रार्थिनी ने अपनी बहन को चुपके से फोन कर बुलाया और अस्पताल गयी तो उसका दवा इलाज व अल्ट्रासाउण्ड कराया तो डाक्टर ने बोला कि बच्चा का गर्भपात हो गया।
वहीं न्यायालय के द्वारा दोनो पक्षों के तर्क को सुनने के बाद आरोपी के जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।