Varanasi Crime News: फर्जी रोलर स्केटिंग के प्रशिक्षकों को बीएचयू ने दिखाया बाहर का रास्ता
Varanasi Crime News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा ब्रोचा मैदान में निजी व फर्जी एकेडमी चलाने पर मंगलवार को प्रतिबन्ध लगा दिया है। विज्ञान संस्थान के ब्रोचा मैदान में पांच एकेडमी की ओर से खेल गतिविधियां संचालित हो रही थी।
स्केटिंग की दो फर्जी एकेडमी की आपसी लड़ाई के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला लिया है। बताते चले कि ब्रोचा मैदान मे संचालित रोलर स्केटिंग एकेडमी के खिलाफ पिछले दिनों भी विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्राचार किया जा चुका है साथ ही वर्तमान में भी जन सूचना का अधिकार के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन से स्केटिंग संचािलत करने वाली एकेडमी की जानकारी मांगी गयी थी।
जिसमें आरोप लगाया गया था कि ऐसे कोच प्रशिक्षण दे रहे है, जिनका रिकार्ड ठीक नहीं है। वहीं विज्ञान संस्थान व्यायाम परिषद की सचिव व खेल प्रभारी प्रोफेसर निर्मला होरो ने बताया कि बीएचयू सिर्फ यहां खेलने के लिये एकेडमी को इजाजत देता है।
लेकिन अब मारपीट और बीएचयू से आरटीआई के जरिये सूचना मांगी जा रही है, जिससे विश्वविद्यालय व संस्थान को कोई लेना देना नहीं है। ब्रोचा मैदान में बाहरी एकेडमी की ओर से संचालित खेल गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
अब इस मैदान में सिर्फ बीएचयू और विज्ञान संस्थान के खिलाड़ी ही खेलेंगे। वहीं ब्रोचा मैदान पर पांच खेल गतिविधियां संचालित होती है। यहां क्रिकेट, फुटबाल, बाॅलीबाल, बैडमिंटन और रोलर स्केटिंग की निजी एकेडमी संचालित हो रही थी।
सुरक्षा कारणों से सभी बाहरी खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों के खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं बताते चले कि पूर्व में वाराणसी में रोलर स्केटिंग के सम्बन्ध में अपने समाचार के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने का कार्य किया गया था।
जिसमें वाराणसी में कुछ लोगों के द्वारा फर्जी व अवैध तरीके से रोलर स्केटिंग के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही उनके अभिभावकों के जेब पर डाका डालने का काम भी किया जाता है। वहीं जनपद में इस खेल से सम्बन्धित तमाम फर्जी प्रशिक्षकों की एक भारी भीड़ जमा हो चुकी है।
वहीं इस सम्बन्ध में बीएम ब्रेकिंग न्यूज के द्वारा वाराणसी में संचालित हो रहे एक निजी संस्था वाराणसी रोलर स्केटिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष रजनीश कुमार रंजन व सचिव इसरार अहमद को जनसूचना अधिकार के तहत जानकारी लिखित रूप से मांगी गयी थी परन्तु आज लगभग 8 माह बीत जाने के बाद भी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी है।
वहीं बताते चले कि पूर्व में भी विश्वविद्यालय की खेल प्रभारी प्रोफेसर निर्मला होरो के द्वारा ब्रोचा मैदान पर फर्जी प्रशिक्षकों के द्वारा स्केटिंग का प्रशिक्षण न दिये जाने को लेकर पत्राचार किया गया था और प्रशिक्षण को बन्द भी कराया गया था। मगर पुनः किन कारणों से प्रशिक्षण पुनः दिया जाने लगा।
यह तो ये फर्जी प्रशिक्षक ही जानते है या फिर विश्वविद्यालय प्रशासन। वहीं बताते चले कि बीते कुछ माह पूर्व लखनउ में इसी स्केटिंग के मामले में एक डीएसपी के पुत्र की दुर्घटना में मौत हो गयी थी जिसके बाद प्रशासन का शिकंजा इन फर्जी प्रशिक्षकों पर कसा भी गया मगर फिर ये अपने उसी रवैये पर आ गये और आज भी बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करते नजर आ जाते है।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ व प्रशासन से अपील है कि इस तरह के फर्जी रोलर स्केटिंग संस्थानों व फर्जी प्रशिक्षकों पर कार्यवाही करें, जिससे प्रशिक्षण ले रहे बच्चे काल के गाल में समाने व उनके अभिभावकों के जेबों पर डाका डलने से बच सके। अब आगे देखना यह है कि शासन या प्रशासन इन पर क्या कार्यवाही करती है या इन लोगों का यह अवैध धन्धा इसी प्रकार से चलता रहेगा। फिलहाल तफ्तीश जारी है।