Varanasi Crime News: हत्या की आरोपित अभियुक्ता को न्यायालय ने किया दोषमुक्त
Varanasi Crime News: वाराणसी। जनपद के चेतगंज थाने में दर्ज मुअसं. 156/2018 धारा 306, 114 आईपीसी में आरोपित शिवानी पाण्डेय निवासिनी 8, शेख जियाउद्दीन नियाजी थाना कोतवाली जनपद गाजीपुर को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश द्रुतगामी (14 वित्त आयोग) वाराणसी के द्वारा संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त कर दिया गया।
वहीं न्यायालय के समक्ष आरोपित की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व मयंक मिश्रा ने पक्ष रखा। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा बद्री नारायण के बेटे रोहित गुप्ता का सम्बन्ध शिवानी पाण्डेय से था। शिवानी पाण्डेय ने उसके पुत्र को दिनांक 26/7/2018 की रात्रि में फोन करके बुलाया था।
रात्रि 12 बजे शिवानी पाण्डेय ने वादी मुकदमा को फोन किया और कहा कि वह लोग वादी मुकदमा के ट्रांसपोर्ट पर है, रोहित की तबीयत ज्यादा खराब है। जब वह लोग तुरन्त ट्रांसपोर्ट नारायन विला जगतगंज पर पहुंचे तो शिवानी पाण्डेय, उसका भाई तथा अन्य दो लोग उन्हे देखकर उसके बेटे को छोड़कर भाग गये।
जब उन लोगों ने देखा तो उसका बेटा मर चुका था तथा उसके बेटे के पास से उसका दो मोबाइल फोन, गले की सोने की चेन तथा लगभग 50 हजार रूपये उसके पास से गायब थे। उसे पूर्ण विश्वास है कि उसक बेेटे रोहित गुप्ता की हत्या शिवानी पाण्डेय उसका भाई तथा दो अन्य लोगों ने मिलकर की है।
उसके बेटे रोहित के शव का पोस्टमार्टम कराकर अभियुक्तों के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जाये। वादी मुकदमा बद्री नारायण गुप्ता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थाना चेतगंज, जनपद वाराणसी पर दिनांक 28/6/2018 को मुअसं. 156/2018 अन्तर्गत धारा 302 आईपीसी अभियुक्ता शिवानी पाण्डेय, शिवानी पाण्डेय का भाई तथा दो अन्य लोग अज्ञात के खिलाफ पंजीकृत हुआ।
प्रस्तुत प्रकरण की विवेचना विवेचक अजीत कुमार मिश्र निरीक्षक द्वारा की गई तथा बाद विवेचना अभियुक्ता शिवानी पाण्डेय के भाई व प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित दो अज्ञात व्यक्तियों की अपराध में संलिप्तता का साक्ष्य न पाते हुये उनकी नामजदगी गलत करते हुये तथा मुतक रोहित गुप्ता की हत्या का साक्ष्य न पाते हुये अभियुक्ता शिवानी पाण्डेय के खिलाफ आरोप पत्र अन्तर्गत धारा 306, 114 आईपीसी प्रेषीत किया गया।
वहीं मामला अनन्य रूप से सत्र परीक्षणीय होने के आधार पर तत्कालीन अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कक्ष संख्या 9 वाराणसी द्वारा प्रकरण को दिनांक 2/5/2019 को सत्र न्यायालय के सुपुर्द किया गया। अभियुक्ता शिवानी पाण्डेय के खिलाफ प्रेषीत आरोप पत्र के आधार पर सत्र परीक्षण वाद संख्या 240/2019 दर्ज हुआ।
वहीं अभियुक्ता द्वारा उसे मृतक रोहित गुप्ता के संरक्षित विसरा में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के परीक्षण परिणाम में डाईक्लोरवास पाये जाने की कोई जानकारी न होने तथा उसे रंजिशन फंसाये जाने का कथन करते हुये यह अतिरिक्त कथन किया गया है कि वह निर्दोष है तथा उसे झूठा फंसाया गया है।
अभियुक्ता द्वारा सफाई साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने का कथन किया गया है परन्तु कोई सफाई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। वहीं बचाव पक्ष की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता के खिलाफ मृतक रोहित गुप्ता को आत्महत्या के लिये उकसाने तथा मृतक द्वारा आत्म हत्या करते समय उपस्थित रहने का आरोप लगाया गया है।
पत्रावली पर ऐसा कोई प्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य साक्ष्य नहीं है। जिससे यह साबित होता हो कि अभियुक्ता द्वारा मृतक को आत्म हत्या के लिये उकसाया गया हो या आत्म हत्या करने में सहायता की गयी हो या आत्म हत्या करने के लिये दुष्प्रेरित किया गया हो। अतः अभियुक्ता आरोप अन्तर्गत धारा 306, 114 आईपीसी से दोषमुक्त होने योग्य है।
वहीं न्यायालय के द्वारा विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी एवं अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के विद्वतापूर्ण तर्कों को सुना व पत्रावली पर उपलब्ध समस्त साक्ष्य का परिशीलन करने के बाद निर्णय दिया गया कि अभियोजन पक्ष अभियुक्ता शिवानी पाण्डेय के विरूद्ध लगाये गये आरोप अन्तर्गत धारा 306, 114 आईपीसी को युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने में सफल नहीं रहा है।
अतः अभियुक्ता शिवानी पाण्डेय आरोप से दोषमुक्त किये जाने योग्य है। अतः अभियुक्ता शिवानी पाण्डेय को अपराध अन्तर्गत धारा 306, 114 आईपीसी से संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया जाता है।