Varanasi Crime News: नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले अभियुक्त को छह साल की सजा
Varanasi Crime News: वाराणसी। नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में अदालत ने एक अभियुक्त को दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अनिल कुमार पंचम की अदालत ने अस्सी घाट, थाना भेलूपुर निवासी अभियुक्त मनीष उपाध्याय को दोषी पाने पर छह वर्ष के कठोर कारावास व डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की और सजा भुगतनी पड़ेगी। अदालत में वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, विकास यादव व नितेश सिंह ने पक्ष रखा। प्रकरण के अनुसार बिजौरा भरदह, गाजीपुर निवासी वादी अविनाश कुमार ने कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
आरोप था कि वादी व उसके कुछ साथी पाण्डेयपुर में एयरफोर्स की कोचिंग करते थे। उसी दौरान कोचिंग में आने-जाने वाले अस्सी घाट, भेलूपुर निवासी अभियुक्त मनीष उपाध्याय से परिचय हुआ। बातचीत में उसने बताया कि उसके पिता विद्यापीठ में सर्विस करते हैं और उनसे सब अधिकारियों के संपर्क है।
उनसे कहकर जिस विभाग में चाहोगे उस विभाग में तुम लोगों की नौकरी लगवा दूंगा। उसके झांसे में आकर वादी ने उसे पांच लाख रुपये दिए। जिसके बाद उसने विकास भवन में जिला कोआर्डिनेटर के पद का एक फर्जी जॉइनिंग लेटर उसको दिया।
इसी तरह उसे अन्य दोस्तो व रिश्तेदारों जिसमे दीपक कुमार को एचडीएफसी बैंक में कैशियर, राकेश कुमार को मुगलसराय स्टेशन इंचार्ज व सत्येंद्र कुमार को आर्मी मेस इंचार्ज का फर्जी नियुक्ति पत्र देकर सबसे पांच-पांच लाख रुपये ले लिए। इसी तरह अन्य 15 लड़कों से भी एक-दो लाख रुपये लिया गया।
बाद में जब नियुक्ति पत्र फर्जी होने पर उनलोगों ने अपने पैसे वापस मांगे तो अभियुक्त उनलोगों को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देने लगा। बाद में दबाव बनाने पर अभियुक्त ने कुछ चेक दिए, वे भी फर्जी निकले।
अदालत में विचारण के दौरान कुल 7 गवाह परीक्षित कराए गए। अदालत ने गवाहों के बयान व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन के बाद अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा सुना दी।
वहीं दोनो पक्षों की दलील को सुनने के बाद न्यायालय के द्वारा अभियुक्त मनीष उपाध्याय को दोषी पाते हुये छह वर्ष के कठोर कारावास व डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है। वहीं अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की और सजा भुगतने का आदेश दिया गया है।