Varanasi Crime News: वाराणसी पुलिस सुस्त, सट्टा संचालक चुस्त
Vinay Yadav
Varanasi Crime News: वाराणसी। आज यहां यह बात इसलिये कहना पड़ रहा है कि जहां एक ओर वाराणसी जनपद के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल सहित उच्चाधिकारी कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये पूरे जी जान से लगे हुये है तो वहीं शहर में अवैध रूप से संचालित किये जा रहे सट्टा के कारोबार से जुड़े संचालकों के द्वारा इसका भरपूर लाभ भी अवैध तरीके से उठाया जा रहा हे।
बताते चले कि शहर में अवैध सट्टे का कारोबार विगत कई वर्षो से बदस्तूर चलाया जा रहा है। जिसका संचालन समाज के असामाजिक तत्वों के साथ ही गुण्डा बदमाशो के द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में बताते चले कि जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्र है जहां इस अवैध सट्टे का कारोबार निरन्तर रूप से संचालित हो रहा है।
अब यदि सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो सूत्र तो यहां तक बताते है कि इस अवैध कारोबार में सम्बन्धित थाने के पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, जिसके बल पर सट्टे का काला कारोबार किया जा रहा है।
अब यदि बात करें तो लालपुर पाण्डेयपुर थाना क्षेत्र के पाण्डेयपुर पुलिस चौकी अन्तर्गत आने वाले हुकुलगंज में स्थित तुलसी निकेतन स्कूल के पास स्थित साईं बाबा मन्दिर के ठीक सामने डा. संजीव वाली गली में निवास करने वाला बोंदू उर्फ मनोज पटेल है जिसका एक भू-भाग बोंदू के बाड़ा के नाम से भी प्रसिद्ध है।
सूत्र बताते है कि जिसके द्वारा सम्बन्धित थाना लालपुर पाण्डेयपुर व पुलिस चौकी पाण्डेयपुर के साथ ही थाने पर तैनात क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी को धन के बल पर मिलाकर ये सट्टे का काला कारोबार किया जा रहा है।
अब यदि सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो सम्बन्धित थाने व पुलिस चैकी को 15-15 हजार रूपये व थाने पर तैनात क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी को 8 हजार रूपये महीना सुविधा शुल्क दिया जाता है। जिसके बल पर ये सट्टे का काला कारोबार किया जा रहा है।
एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के द्वारा अपराध के प्रति जीरो टालरेंस की बात करने के साथ ही अपराध पर नियंत्रण रखने का दावा तो किया जाता है।
मगर उन्हीं के मातहतों के द्वारा इस तरह का अनर्गल व गैर कानूनी कार्य यदि अपने संरक्षण में कराया जा रहा है तो ये सोचने का विषय है कि क्या अपराध के प्रति जीरो टालरेंस व अपराध पर पूर्ण नियंत्रण का दावा कहां तक सहीं साबित होता है? ये तो भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल बीएम ब्रेकिंग न्यूज की पड़ताल जारी है।