Varanasi Crime News: भूमाफियाओं के चंगुल में फंसी वक्फ की सम्पत्ति
Varanasi Crime News: वाराणसी। जनपद के चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी भीखाशाह गली में स्थित एक वक्फ की संपत्ति का फर्जी तरीके से कोयला बाजार निवासी एक बैण्ड पार्टी के संचालक व अपने आपको बिल्डर बताने वाले व्यक्ति को बैनामा कर दिया गया। अब वही अवैध तरीके से अंडर ग्राउंड का निर्माण व्यवसायिक दृष्टिकोण से करने की तैयारी चल रही है।
सूत्र बताते है कि उक्त भवन संख्या सीके 46/7 एक वक्फ संपत्ति है। जिसका खरीद बिक्री करना कानूनी रूप से अवैध माना जाता है। वही अगर सरकारी दस्तावेजों की बात करे तो नगर निगम के रिकार्ड में उक्त वक्फ संपत्ति पर मुतवल्ली के रूप में इशहाक पुत्र अच्छू शाह का नाम दर्ज है।
अब यदि सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो इन्ही मुतवल्ली के द्वारा उक्त भवन का बैनामा आदमपुर थाना क्षेत्र के कोयला बाजार निवासी उक्त व्यक्ति को कर दिया गया है। जबकि अभी वर्तमान समय में भी नगर निगम के दस्तावेजों में उक्त भवन वक्फ संपत्ति और मुतवल्ली के नियुक्त होने को दर्शाती है। वही यदि उक्त भवन वक्फ संपत्ति है तो इसका बैनामा कैसे कर दिया गया।
इसी क्रम में आपको बताते चले कि नगर निगम में उक्त संपत्ति वक्फ और उस पर मुतवल्ली की नियुक्ति होने के कारण बैनामा धारक का नाम दाखिल खारिज नही हो पा रहा है। जिसके संबंध में बैनामा धारक और विक्रेता के द्वारा अपनी गुणा गणित करके बैनामा धारक का नाम दाखिल खारिज कराने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु सफलता नही मिल पा रही है।
अब वही बात करे तो उक्त संपत्ति पर पहले से ही 4 मंजिला व्यवसायिक भवन अवैध तरीके से बनवाया गया है। वही वर्तमान समय में बैनामा धारक के साथ ही अपने को बिल्डर बताने वाले इकरार हाशमी उर्फ चीकू के द्वारा उक्त संकरी गली में व्यवसायिक दृष्टिकोण से अंडर ग्राउंड बनाने का कार्य चोरी छिपे कराने की सूचना भी प्राप्त हो रही है, और चोरी छिपे कराया भी जा रहा है।
जिसमे वाराणसी विकास प्राधिकरण की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अब यदि बसत करें तो जहां न्यायालय अपर सिविल जज (जू.डि.) वाराणसी के न्यायालय में विचाराधीन वाद संख्या 505/24 मोहम्मद जुहैब बनाम मोहम्मद इशहाक में मौके पर स्थगनादेश का आदेश भी दिनांक 28/2/24 को जारी किया गया है।
जिसके बावजूद उक्त सम्पत्ति का दो बार सट्टा और बैनामा किया गया है। जिसके सम्बन्ध में आप स्वयं देखिये कि इन भूमाफियाओं के द्वारा किस तरह से उक्त सम्पत्ति का रजिस्टर्ड सट्टा इकरारनामा किया गया। बताते चले कि उक्त सम्पत्ति के सम्बन्ध में पहला सट्टा इकरारनामा दिनांक- 18/07/23 को मोहम्मद इषहाक पुत्र स्व. अच्छू शाह के द्वारा एकरार हाशमी पुत्र स्व. अली रजा से कुल 30 लाख में बैनामा की बात हुई।
जिसमें 10 लाख रूपये देकर रजिस्टर्ड सट्टा इकरारनामा कराया गया है। जिसमें हुसैन इमाम पुत्र मो. औन व सरफराज पुत्र समीउल्ला गवाह के रूप में मौजूद है। वहीं 25 नवम्बर 2023 को मोहम्मद इशहाक पुत्र अच्छू शाह के द्वारा एकरार हाशमी पुत्र स्व. अली रजा निवासी कुतबनशहीद थाना कोतवाली व जलालुद्दीन खान पुत्र कमालुद्दीन निवासी दीवानगंज आदमपुर वाराणसी को बैनामा तय रकम 53 लाख रूपये में कर दिया गया।
जिसमें बतौर गवाह सैय्यद नईम पुत्र मोइनुद्दीन निवासी नवापुरा वार्ड आदमपुर व हुसैन इमाम पुत्र मो. औन निवासी सदर महाल मुकीमगंज वाराणसी शामिल है। अब यदि इन भूमाफियाओं की काली करतूत की बात करें तो इन लोगों के द्वारा उक्त सम्पत्ति के सम्बन्ध में एक और सट्टा इकरारनामा किया गया, जो दिनांक 23/3/22 को उपनिबन्धक सदर प्रथम के कार्यालय में दर्ज है।
इस इकरारनामें में फरजाना बेगम पत्नी मुलुरूद्दीन निवासी पक्की बाजार चमरौटिया महल वाराणसी के द्वारा मोहम्मद इशहाक पुत्र स्व. अच्छू षाह को 10 लाख रूपये चार किस्तो में बयाना दिया गया है। साथ ही उक्त इकरारनामें में सरफराज पुत्र समीउल्ला निवासी नवाबगंज व मोहम्मद शाहिद पुत्र महफुजुर रहमान निवासी सराय हड़हा गवाह के रूप में शामिल है।
वहीं फरजाना बेगम के द्वारा कराये गये सट्टा इकरारनामे को दिनांक 25/11/23 को निरस्त कर दिया गया और 25/11/23 को ही मोहम्मद इशहाक पुत्र अच्छू शाह के द्वारा एकरार हाशमी पुत्र स्व. अली रजा निवासी कुतबनशहीद थाना कोतवाली व जलालुद्दीन खान पुत्र कमालुद्दीन निवासी दीवानगंज आदमपुर वाराणसी को बैनामा तय रकम 53 लाख रूपये में कर दिया।
इसी क्रम में देखा जाये तो इन भूमाफियाओं की निगाह उक्त वक्फ सम्पत्ति पर पहले से ही खराब थी। जिसके चलते उक्त सम्पत्ति का सट्टा इकरारनामा व बैनामा अपने निजी लाभ के लिये किया गया है और शासन की आंखों में धूल झोंकने का कार्य करते हुये इसमें सफलता हासिल की गयी।
जबकि उक्त सम्पत्ति पर माननीय न्यायालय से स्थगनादेश भी जारी है जिसके बावजूद इन लोगों के द्वारा न्यायालय के स्थगनादेश को ठेंगा दिखाते हुये अपने काले कारनामों में संलिप्त है। वहीं अब देखना यह है कि उक्त वक्फ सम्पत्ति के सम्बन्ध में वाराणसी का प्रशासन और वाराणसी विकास प्राधिकरण क्या निर्णय लेता है, ये तो भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल बीएम ब्रेकिंग न्यूज की पड़ताल जारी है।