Varanasi: दिल को छू गई बुज़ुर्गों द्वारा व्यक्त की गई खुशी और कृतज्ञता
Varanasi: वाराणसी। पुलिस आयुक्त के निर्देशन व ममता रानी अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध के कुशल पर्यवेक्षण में छात्र-पुलिस अनुभवात्मक अधिगम कार्यक्रम Student Police Experiential Learning (SPEL) Programme 2.0 के अन्तर्गत छात्र/छात्राओं को वृद्धाश्रम का भ्रमण कराया गया।
जिससे उनके अन्दर सहानुभूति, करुणा और सामाजिक जिम्मेदारी के मूल्यों को स्थापित किया जा सके। बताते चले कि भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निर्देशन में चलाये जा रहे 30 दिवसीय Student Police Experiential Learning (SPEL) के अन्तर्गत कमिश्नरेट वाराणसी के कुल 09 थानों पर 30 दिवसीय अनुभवात्मक सिखलायी जो दिनांक 20.12.2024 से प्रारम्भ है।
जो इस उद्देश्य से करायी जा रही है कि छात्र/छात्राओं की संज्ञानात्मक व लोक कौशल में सुधार हो और साथ ही साथ वे कानून व आपराधिक प्रक्रिया, आपराधिक अनुसंधान, यातायात नियत्रंण, साइबर क्राइम, मानव तस्करी, कानून-व्यवस्था इत्यादि जैसे विषयों पर प्रशिक्षण इन्टर्न के रूप में प्राप्त कर सके।
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कुल 120 घण्टो की सिखलाई प्रत्येक दिन 04 घण्टे के आधार पर 30 दिवस में पूर्ण करायी जायेगी। यह कार्यक्रम छात्र/छात्राओ के अंदर की प्रतिभा को और निखारने तथा पुलिस की स्थिति परिस्थिति को समझने में मदद करेगा सभी छात्र/छात्राओं का mybharat.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण कराया गया है तथा चयनित थानों पर 01-01 उप निरीक्षक को थाना स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया गया।
थाना स्तर पर 20 दिवस तक 05-06 छात्र/छात्राओं को अनुभवात्मक सिखलायी करायी जा रही है तथा सफलतापूर्वक सिखलाई पूर्ण करने पर प्रमाण पत्र वितरित कर सम्मानित भी किया जायेगा। जिसके क्रम में दिनांक 07.01.2025 को SPEL Programme 2.0 के अन्तर्गत छात्र/छात्राओं को थानों के नामित उ0नि0/नोडल अधिकारी द्वारा वृद्धाश्रम का भ्रमण कराया गया।
जिसके अन्तर्गत थाना भेलूपुर व कोतवाली द्वारा राजकीय वृद्ध एवं आशक्त गृह (महिला), दुर्गाकुण्ड वाराणसी व मदर टेरेसा दीन हीन सद्गति निवास, शिवाला घाट, वाराणसी तथा चेतगंज द्वारा रानी रामकुमारी वनिता विश्राम,लहुराबीर वाराणसी तथा थाना मण्डुवाडीह द्वारा काशी अनाथालय, लहुराबीर व अपना घर आश्रम, सामने घाट तथा थाना चितईपुर द्वारा रानी रामकुमारी वनिता आश्रय गृह, लहुराबीर,वाराणसी का भ्रमण कराया गया।
इस भ्रमण कार्यक्रम का उद्देश्य केवल बुज़ुर्ग व्यक्तियों से मिलना और उनका अभिवादन करना नहीं था, बल्कि छात्र/छात्राओं के जीवन में ठोस बदलाव लाना था। छात्र/छात्राओं द्वारा बुजुर्गों के लिये व्यक्तिगत तौर पर फल आदि भेंट की गयी छात्रों के आगमन पर छात्रों का स्वागत बुज़ुर्गों द्वारा गर्मजोशी भरी मुस्कान और दयालु आँखों से किया।
माहौल प्रत्याशा और आशा की भावना से भरा हुआ था। जब उन्होंने उपहार वितरित किए, तो बुज़ुर्गों द्वारा व्यक्त की गई खुशी और कृतज्ञता दिल को छू लेने वाली थी तथा छात्रों ने उनकी उदारता के गहन प्रभाव का अनुभव किया। युवा छात्रों को बुजुर्ग व्यक्तियों के साथ बातचीत करने का एक अमूल्य अवसर प्राप्त हुआ।
उन्होंने बातचीत की और अपने युवा उत्साह को साझा किया। यह अंतर-पीढ़ीगत जुड़ाव और समझ का दिन था, जहाँ युवा और वृद्ध दोनों ने एक-दूसरे से सीखा। इस कार्यक्रम ने छात्रों के दिलों में सहानुभूति के बीज बोए। उन्होंने बुजुर्गों की देखभाल और सम्मान के महत्व को देखा, और वे संगति और करुणा के मूल्य की गहरी समझ के साथ वापस लौटे।
ये ऐसे सबक हैं जो पाठ्य पुस्तकें नहीं सिखा सकतीं, लेकिन दयालु/संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिकों को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। छात्र/छात्राएं जब इस यादगार दिन पर विचार करेंगे, तो वे करुणा की शक्ति और उम्र की परवाह किए बिना दूसरों से जुड़ने के महत्व को समझेंगे। उक्त आशय की जानकारी अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध वाराणसी के कार्यालय से जारी किये प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।