Varanasi News: चोरी के अभियुक्त की जमानत हुई स्वीकार
Varanasi News: न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट, न्यायालय संख्या-02, के द्वारा चोरी के अभियुक्त की जमानत दिनांक 6/3/2023 को स्वीकार कर ली गई। प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र सं0-935/2023 सोनू यादव पुत्र नन्दलाल यादव निवासी- बी1/145 पुष्कर तालाब अस्सी, थाना- भेलूपुर जनपद वाराणसी। अभियुक्त बनाम अभियोजन राज्य अपराध सं0-70/2023 धारा 380, 411 भा.द.सं. थाना भेलूपुर जनपद वाराणसी की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र अपराध सं0-70/2023 धारा-380, 411 थाना भेलूपुर जनपद वाराणसी के मामले में प्रस्तुत किया गया है।
अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विशेष लोक अभियोजक को जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की तथा पत्रावली का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र इस आशय से प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त की ओर से माननीय न्यायालय में यह जमानत प्रार्थना पत्र पहली बार प्रस्तुत किया गया है। इसके अतिरिक्त कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त नहीं किया गया है और न ही लंबित है।
अभियुक्त को महज जेरवार परेशान व बेइज्जत करने की गरज से रंजिशन साजिश करके उक्त मुकदमें में अभियुक्त बना दिया गया है। अभियुक्त बिल्कुल निर्दोष है। उसे उक्त कथित घटना की कोई भी जानकारी नहीं है। कथित अपराध प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। उक्त मुकदमें में कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं है साथ ही अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त उचित जमानत मुचलका देने के लिए तैयार है।
अतः उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्त को उचित जमानत मुचलके पर रिहा किया जाये। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा रितिक सोनकर पुत्र राजू सोनकर ने अपनी प्राथमिकी में कथन किया है कि दिनांक- 19.02.2023 को हम लोग सपरिवार सुदामापुर बुआ के लड़के की शादी में गये थे। मेरे घर पर कोई नहीं था।
रात में जब हम लोग शादी से करीब 2 बजे आये जो देखे घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था अन्दर जाकर देखा तो दीदी का जेवर सोने के कंगन, चार अदद एक नथिया सोने की एक मांग का टीका सोने का जो गायब था, तब हमने 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दिया, फिर वहां पुलिस आई और पूछताछ की और थाने जाकर मुकदमा लिखवाने के लिए कहा हम लोगों को संदेह है कि मेरे पड़ोस के रहने वाले सोनू यादव ने घटना को अंजाम दिया है।
अतः महोदय से निवेदन है कि मेरा मुकदमा लिखकर उचित कार्यवाही करने की कृपा करे। अभियोजन द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा प्रार्थी के घर में घुसकर चोरी किया गया है। अपराध गंभीर प्रकृति का है। जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। जिस पर न्यायालय ने दोनो पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
जिससे स्पष्ट है कि प्राथमिकी अंतर्गत धारा 380 भादसं. में अभियुक्त राजू यादव के विरुद्ध दर्ज कराई गई थी तथा विवेचनापरांत अभियुक्त के विरुद्ध अंतर्गत धारा 380, 411 भादसं. में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। स्वयं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से प्रथम दृष्टया प्रकट होता है कि इसमें वादी द्वारा मात्र शक के आधार पर अभियुक्त को नामित किया गया था।
‘आधार’ अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा परिक्षणीय है। फर्द बरादमगी व गिरफ्तारी का कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का जमानत का आधार पर्याप्त है।
अतः मुकदमें के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए मामले के गुण-दोष को प्रभावित किये बगैर इस न्यायालय के मतानुसार अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है। वहीं दोनो पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त का जमानत याचिका स्वीकार करते हुये कहा कि अभियुक्त सोनू यादव पुत्र नन्दलाल यादव की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र अपराध सं0-70/2023 धारा-380 411 भादसं. थाना भेलूपुर स्वीकार किया जाता है तथा अभियुक्त द्वारा 50,000/- (पचास हजार रुपये) का व्यक्तिगत बंधपत्र व समान धनराशि के दो प्रतिभू संबंधित मजिस्ट्रेट की संतुष्टि पर दाखिल करने पर उसे जमानत पर रिहा किया जाये।