सपा विधायक जाहिद बेग को नौकरानी की आत्महत्या मामले में मिली जमानत

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सपा विधायक जाहिद बेग को कोर्ट ने राहत दी है। विधायक के घर नाबालिग नौकरानी मृत पाई गई थी जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी हुई थी और जेल जाना पड़ा था। अब इन्हें जमानत मिल गई है। कोर्ट ने कहा कि नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने और साजिश के काई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही से सपा विधायक जाहिद बेग उर्फ जाहिद जमाल बेग को उनके आवास पर नाबालिग नौकरानी की आत्महत्या के मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि आरोपी ने उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया है या साजिश की है।

वहीं, इस संबंध में कोई सुसाइड नोट भी नहीं है। इसी टिप्पणी संग न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ ने विधायक जाहिद बेग की जमानत अर्जी सशर्त स्वीकार कर ली। भदोही में उप-निरीक्षक हर दत्त पांडेय ने 14 सितंबर 2024 को जाहिद बेग, पत्नी सीमा बेग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

आरोप लगाया था कि नाबालिग नौकरानी और एक अन्य लड़की विधायक के घर पर काम करती थी। आठ या नौ सितंबर 2024 की रात को नाबालिग नौकरानी मृत पाई गई थी। मामले में जाहिद बेग ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।

याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि मृतका एक युवक से बातचीत करती थी। उसकी मां ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की अनुचित तस्वीरें लेने के बाद युवक उसे ब्लैकमेल कर रहा था। इसी से परेशान होकर उसने घटना को अंजाम दिया।

अपर शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि मृतका के साथ काम करने वाली दूसरी किशोरी ने बयान में कहा है कि उन्हें कभी-कभी डांटा और पीटा जाता था। इसके चलते नाबालिग मृतका काम छोड़कर भागना चाहता थी। मृतका अत्यधिक काम और आरोपी व्यक्तियों के व्यवहार से परेशान थी।

कोर्ट ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से पता चलता है कि मृतका ने आत्महत्या करने से ठीक पहले एक युवक को फोन किया था। ऐसे में आत्महत्या के पीछे उस युवक की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता।

एफआईआर दर्ज करने में पांच दिनों की देरी के लिए राज्य के वकील ने कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया। माता-पिता ने अपने बयानों में बेटी की आत्महत्या के लिए आवेदक को दोषी नहीं ठहराया। जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है।

ऐसे में सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना कम हो गई है। इन बिंदुओं पर विचार करते हुए कोर्ट ने जाहिद बेग को एक व्यक्तिगत मुचलका और दो जमानतदारों को प्रस्तुत करने पर सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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