भक्त व भगवान का हुआ मिलन, रथयात्रा पर सजने लगा काशी का पहला लक्खा मेला

15 दिन के इंतजार के बाद आज भगवान जगन्नाथ और भक्तों का मिलन हुआ। वहीं 27 जून की भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
साल भर के इंतजार के बाद काशी का पहला लक्खा मेला सजने लगा है। 15 दिन के इंतजार के बाद नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ ने रथ पर विराजमान होकर बुधवार को भक्तों को दर्शन दिए। 27 जून की भोर में मंगला आरती के बाद रथ पर विराजमान मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके साथ ही रथयात्रा मेला भी तीन दिनों के लिए गुलजार हो जाएगा।
महमूरगंज से लेकर गुरुबाग तक कदम-कदम पर रथयात्रा मेले की रौनक नजर आने लगी है। कहीं झूला, कहीं चरखी, कहीं खिलौने की दुकान तो कहीं नानखटाई की दुकानें सज रही हैं। रथयात्रा से लेकर गुरुबाग तक जगह-जगह सड़क के किनारे दुकानदारों ने अपना-अपना स्थान घेरना शुरू कर दिया है।
वहीं, मंगलवार को अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर में भक्तों की कतार भगवान के काढ़े का प्रसाद लेने के लिए पहुंची। भगवान को भोग लगाने के बाद मंदिर के पुजारी ने काढ़े के प्रसाद का वितरण किया। 15 दिनों के एकांतवास के बाद भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र ने बुधवार को भक्तों को दर्शन दिया।
15 दिनों से भगवान के दर्शन का इंतजार कर रहे भक्तों का इंतजार इसके साथ ही समाप्त हुआ। 26 जून को भगवान की डोली यात्रा काशी की गलियों में निकलेगी। मंदिर ट्रस्ट की ओर से रथयात्रा और डोली यात्रा की तैयारियों को पूर्ण किया जा रहा है। 27 से 29 जून तक भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र रथयात्रा पर आम श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।



