उपनिरीक्षक पर लगे आरोप निकले झूठे व बेबुनियाद, असली आरोपी कानून के शिकंजे में

मामला वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के पीआरओ रहे दीपक राणावत पर लगे फर्जी आरोप का
वाराणसी। बताते चले कि पिछले कुछ दिनों पूर्व पुलिस कमिश्नर के पूर्व पीआरओ उप निरीक्षक दीपक राणावत पर एक महिला के द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। जिसकी जांच पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के द्वारा अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन सरवणन टी. से कराने व दोषी पर कार्रवाई के लिये निर्देशित किया गया था।
वहीं जांच में उपनिरीक्षक दीपक राणावत के फोटो का गलत इस्तेमाल करके मथुरा के एक युवक के द्वारा महिला अनीता यादव के साथ ठगी की गयी थी, जिसके सम्बन्ध में वाराणसी पुलिस ने उक्त युवक को हिरासत में ले लिया है। वही जनपद के कैंट थाने में उपनिरीक्षक दीपक राणावत के तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।
लेकिन महिला न्याय पाने के लिये अब भी पुलिस कार्यालय का चक्कर लगा रही है। वहीं प्रारंभिक जांच में यह साफ हो गया है कि महिला के साथ ठगी हुई थी, लेकिन महिला के द्वारा अपने आरोप में कई बेबुनियाद बाते भी कही गयी है, जिसकी जांच जब सर्विलांस और साइबर टीम के मदद से की गई तो आरोप फर्जी निकले।
इस प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर वाराणसी पुलिस की छवि काफी धूमिल हुई थी। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने दीपक राणावत को पीआरओ पद से हटाकर उन पर लगे सारे आरोप की जांच डीसीपी क्राइम सरवणन टी को सौंप दिया।
जिसमें आज बुधवार को डीसीपी क्राइम ने उपनिरीक्षक दीपक राणावत को क्लीन चिट दे दिया है, जिसमें लगे सारे आरोप बेबुनियाद निकले। अब वहीं सवाल यह है कि वाराणसी पुलिस की छवि धूमिल करने वाली महिला पर भी कोई कार्रवाई होगी।
