बिकरू कांड में घायल पुलिसकर्मियों को उपचार के दौरान दिए गए 6.5 लाख रुपए के वसूली की नोटिस

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Bikru incident कानपुर बिकरु कांड में घायल पुलिस कर्मियों के उपचार के दौरान दिए गए 6.50 लाख रुपए की वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है। जानते हैं पुलिस कर्मियों ने क्या कहा?

कानपुर में बिकरु कांड में घायल पुलिस कर्मियों के उपचार पर किए गए खर्च की वसूली होगी। इस संबंध में घायल पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि 15 दिनों के अंदर 6.5 लाख रुपए वापस कर दें। नहीं तो वेतन से 20 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।‌ नोटिस मिलने के बाद पुलिस कर्मी निराश हैं।

उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी रकम एक साथ कैसे लौटा सकते हैं। इस संबंध में उन्होंने पुलिस कमिश्नर ऑफिस में ज्वाइंट सीपी हेडक्वार्टर से मुलाकात की। पुलिसकर्मियों ने बताया कि ज्वाइंट सीपी हेडक्वार्टर में मामले को दिखाने का आश्वासन दिया है। बिकरु कांड 2 जुलाई 2020 की है। जब दबिश देने गए सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों को विकास दुबे ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। ‌नोटिस के बाद एक बार फिर भी बिकरु कांड चर्चा में आ गया है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2 जुलाई 2020 की रात सीओ देवेंद्र मिश्रा पुलिस टीम के साथ विकास दुबे के गांव बिकरु दबिश देने के लिए गए थे। जहां विकास दुबे और उसके गुर्गों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों को गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान पांच पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

जिनमें सब इंस्पेक्टर कौशलेंद्र प्रताप सिंह, सब इंस्पेक्टर सुधाकर पांडे, सब इंस्पेक्टर अजय कश्यप, हेड कांस्टेबल अजय सिंह सेंगर, सिपाही शिव मूरत निषाद शामिल थे।‌ घायल पुलिस कर्मियों को उपचार के लिए कानपुर के रीजेंसी में भर्ती कराया गया था।

सभी घायल पुलिस कर्मियों को जीवन रक्षक निधि से 5 लाख रुपए और जनपदीय जीवन रक्षक निधि फंड से डेढ़ लाख रुपए की धनराशि उपचार के लिए जारी की गई थी। इस प्रकार घायल पुलिसकर्मियों को 6.50 लाख रुपए दिए गए। जुलाई 2020 में हुई घटना के बाद पुलिसकर्मियों ने उपचार के बाद बची रकम को अपने ऊपर खर्च कर लिया।

अब पुलिस उपायुक्त मुख्यालय कानपुर नगर से नोटिस जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि साढे 6.5 लाख रुपये 15 दिनों के अंदर जमा करा दें। अन्यथा की स्थिति में वेतन से 20 प्रतिशत की कटौती करके वसूली जाएगी। नोटिस मिलने के बाद घायल पुलिस कर्मियों के होश उड़ गए।

पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन लोगों ने जीवन रक्षक निधि से रुपए लेने के लिए कभी आवेदन नहीं किया है और ना ही पुलिस कर्मियों ने इस प्रकार की कोई मांग की थी। उन्हें यह बताया गया कि सरकार की तरफ से मदद की जा रही है। जिसमें डेढ़ लाख रुपए अस्पताल में भर्ती के समय नगद दिए गए थे। बाकी पांच लाख रुपए चेक के माध्यम से दिए गए।

पुलिस कर्मियों का कहना है कि यदि उन्हें मालूम होता की या रकम वापस करनी है तो वह अपनी क्षमता के अनुसार इलाज कर लेते जिसे बाद में इलाज का बिल लगाकर रिम्बर्समेंट कर लेते। इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। सीधे वसूली का नोटिस जारी कर दिया गया। अब 20 प्रतिशत कटौती होने पर उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी। पुलिस कर्मियों के अनुसार ज्वाइंट सीपी ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले की जांच करवाएंगे।

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