मोनाड विवि खरीदने के लिए हुड्डा ने खपाई संजय भाटी की काली कमाई

0
WhatsApp Image 2025-05-22 at 3.13.19 PM

एसटीएफ को शक है कि बाइक बोट घोटाले की काली कमाई को पहले शेल कंपनियों में खपाया गया और फिर मोनाड विश्वविद्यालय खरीदा गया। जिसका सौदा 140 करोड़ रुपये में हुआ था जिसमें आधा पैसा ही दिया गया था।

मोनाड विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा ने बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी की काली कमाई से करीब तीन साल पहले यूनिवर्सिटी खरीदी थी। जांच में सुराग मिले हैं कि संजय ने निवेशकों से जुटाए गए करीब 2000 करोड़ रुपये जेल जाने के बाद हुड्डा को दिए थे, ताकि बाहर आने के बाद वह उसे वापस मिल सके।

हुड्डा ने इसमें से बड़ी रकम लंदन फरार होने के बाद वहां निवेश की। इसके बाद वह श्रीलंका गया और वहां कई राजनेताओं के संपर्क में आने के बाद खनन के पट्टे लिए। अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद उस पर घोषित 5 लाख रुपये का इनाम समाप्त कर दिया गया था। इसके बाद वह भारत लौटा और 140 करोड़ रुपये में मोनाड यूनिवर्सिटी को खरीदने का सौदा किया।

यूनिवर्सिटी के पूर्व मालिकों को उसने सिर्फ 70 करोड़ रुपये ही दिए। बाकी रकम देने में टालमटोल करने लगा। जांच में पता चला है कि विजेंद्र फर्जी डिग्री और मार्कशीट रैकेट से मिलने वाली रकम को मेरठ में अपने एक निर्माणाधीन कॉलेज में खपा रहा था।

एसटीएफ को शक है कि विजेंद्र ने बाइक बोट घोटाले की काली कमाई को पहले शेल कंपनियों में खपाया और बाद में उससे मोनाड विवि को खरीदा। सूत्र बताते हैं कि इसे लेकर संजय भाटी और हुड्डा के बीच दुश्मनी भी हो गई थी।

एसटीएफ यूनिवर्सिटी के पूर्व मालिकों से भी पूछताछ करेगी। जांच में सामने आया है कि यूनिवर्सिटी में यह रैकेट करीब 5 साल से चल रहा था। बाद में यूनिवर्सिटी को अचानक हुड्डा को बेच दिया गया। उन्होंने किन परिस्थितियों में विवि को बेचा था, इसकी भी अब गहनता से पड़ताल की जाएगी।

\एसटीएफ को छापों के दौरान यूनिवर्सिटी के बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की मेज से आपत्तिजनक वस्तुएं और शक्तिवर्धक दवाएं भी मिली हैं। इस पहलू की भी जांच होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *