दलित उत्पीड़न के मामले में नगर निगम के सुपरवाइजर को मिली अंतरिम जमानत

अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, नितेश सिंह व संदीप यादव ने पक्ष रखा।

वाराणसी। पुरानी रंजिश को लेकर दलित युवक पर पिस्टल से हमला कर गंभीर रूप से मारने-पीटने के मामले में नगर निगम के सुपरवाइजर को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने आरोपित सुपरवाइजर अनिकेत उपाध्याय को 25-25 हजार की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने आरोपित की नियमित जमानत के लिए अगली तिथि 5 जून नियत कर दी। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, नितेश सिंह व संदीप यादव ने पक्ष रखा। प्रकरण के अनुसार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एमए समाज शास्त्र के छात्र अश्वनी सोनकर ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि प्रतिदिन की भाँति वह घटना वाले दिन भी विश्वविद्यालय गया। इस बीच आयुष यादव बीए द्वितीय वर्ष, अनुराग राय, अनिकेश उपाध्याय (मोहित) मेरे साथ जातिसूचक अभद्र भाषा का उपयोग प्रतिदिन की तरह करने लगे। इस दौरान 29 जनवरी 2021 को समय लगभग 3 बजे वह जब वह अपने साथी अनुराग सिंह राजपूत के साथ विश्वविद्यालय से घर जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में अनुराग राय, अनिकेत उपाध्याय, आयुष यादव ने उसे जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली देते हुए सामने से आ रहे थे। इस पर जब उसने विरोध किया तो वे लोग उसके ऊपर पिस्टल के कुंडे से गंभीर रूप से हमला कर दिया। साथ ही लात घुसे से भयकर से उसे मारने पीटने लगे। जिसपर उसने लात घूंसे से मारा और जब मैं वह वहाँ से भागने की कोशिश किया तो वे लोग पीछे से ये बोल कर कि खटिक के जात होके, तुम विश्वविद्यालय मे पढ़ने लायक नहीं हो अगर आज के बाद तुम विश्वविद्यालय आए तो तुम्हे जान से मार देंगे। इस मामले में सिगरा पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ दलित उत्पीड़न समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।इसी मामले में आरोपित नगर निगम के सुपरवाइजर ने अपने अधिवक्ता के जरिए अदालत में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दिया था। जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपित सुपरवाइजर की अंतरिम जमानत अर्जी सुनवाई के बाद मंजूर कर ली।
