दलित उत्पीड़न के मामले में नगर निगम के सुपरवाइजर को मिली जमानत

वाराणसी। यहां दी गई जानकारी के अनुसार, वाराणसी में एक नगर निगम सुपरवाइजर, अनिकेत उपाध्याय, को एक दलित उत्पीड़न के मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई है।
मामले का विवरण
- आरोप: अनिकेत उपाध्याय और उनके साथियों (आयुष यादव, अनुराग राय) पर अश्वनी सोनकर नामक एक दलित युवक पर हमला करने, उसे जातिसूचक गालियाँ देने और पिस्टल के बट से गंभीर रूप से घायल करने का आरोप है। यह घटना 29 जनवरी, 2021 को हुई थी, जब अश्वनी सोनकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अपने घर जा रहे थे।
- शिकायत: अश्वनी सोनकर ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि आरोपी प्रतिदिन उनके साथ जातिसूचक दुर्व्यवहार करते थे और घटना के दिन उन्होंने मारपीट भी की।
- धाराएँ: सिगरा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दलित उत्पीड़न सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
जमानत की जानकारी
- अदालत: विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने अनिकेत उपाध्याय को जमानत दी।
- शर्तें: उन्हें 25-25 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया गया।
- बचाव पक्ष के वकील: वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और मुकेश सिंह ने अनिकेत उपाध्याय का पक्ष रखा।
- जमानत का आधार: अनिकेत उपाध्याय ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली।
यह जानकारी बताती है कि एक कानूनी प्रक्रिया के तहत आरोपी को जमानत मिली है, और मामला अभी भी विचाराधीन हो सकता है।




