हापुड़ : इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक बेहद ही खौफनाक घटना सामने आई है, जहां हापुड़ मार्ग स्थित मोदीपोन कॉलोनी में एक बिल्डर को बंधक बनाकर दो घंटे तक अमानवीय यातनाएं दी गईं। आरोप है कि सात से अधिक हमलावरों ने बिल्डर को कुर्सी से बांधा, तमंचा कनपटी पर रखा, बुरी तरह पीटा, उनके ऊपर पेशाब किया और गुप्तांग पर भी डंडों से वार किए। इस भयावह घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है, जिससे पीड़ित और उसके परिवार में गहरा आक्रोश है।

क्या है पूरा मामला? – नगर की सुभाष विहार कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति पेशे से बिल्डर हैं। उन्होंने बताया कि करीब 10 दिन पहले उनके एक कर्मचारी ने उनके दफ्तर से एक लाख रुपये नकद और पांच लाख रुपये के गहने चोरी कर लिए थे। बिल्डर ने इसकी शिकायत कस्बा चौकी में की, लेकिन आरोप है कि पुलिस जांच के नाम पर टालमटोल करती रही। इसी बीच, आरोपी कर्मचारी गायब हो गया।

बर्बरता का वो काला दिन – बिल्डर के मुताबिक, 27 जुलाई को उसी कर्मचारी के दोस्त ने उन्हें फोन किया और चोरी के खुलासे में मदद करने की बात कहकर मोदीपोन कॉलोनी बुलाया। बिल्डर जब वहां पहुंचे, तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि उनके साथ क्या होने वाला है। आरोप है कि मोदीपोन कॉलोनी स्थित एक मकान में सात से अधिक आरोपियों ने तमंचे के बल पर उन्हें बंधक बना लिया। उन्हें कुर्सी से बांधकर दो घंटे तक डंडों और बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया। यहीं नहीं, दरिंदों ने सारी हदें पार करते हुए बिल्डर पर पेशाब किया और उनके गुप्तांग पर भी निर्ममता से वार किए। आरोपियों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया।

पुलिस की लापरवाही और जान से मारने की धमकी – गंभीर रूप से घायल बिल्डर को उपचार के लिए सीएचसी भेजा गया। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि इस बर्बर घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। बिल्डर का आरोप है कि आरोपियों ने घटना की शिकायत करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी है। जब इस मामले में एसीपी मोदीनगर अमित सक्सेना से बात की गई, तो उनका कहना था कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में बढ़ती क्रूरता को भी दर्शाती है। पीड़ित को न्याय कब मिलेगा, यह देखना बाकी है। इस मामले में पुलिस की तत्परता बेहद जरूरी है ताकि अपराधियों को सबक सिखाया जा सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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