रूस के सुदूर पूर्वी तट पर स्थित कामचटका प्रायद्वीप के पास बुधवार को रिक्टर पैमाने पर 8.8 की तीव्रता वाले एक विनाशकारी भूकंप ने धरती को हिलाकर रख दिया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, यह शक्तिशाली भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 8:25 बजे समुद्र के नीचे आया, जिसके बाद रूस, जापान, गुआम, हवाई और अलास्का समेत प्रशांत महासागर के एक बड़े हिस्से में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई।

समुद्र में उठीं 3 मीटर तक ऊंची लहरें, कई देशों में अफरा-तफरी – प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि समुद्र में 1 से 3 मीटर (लगभग 10 फीट) तक ऊंची जानलेवा लहरें उठ सकती हैं। इस चेतावनी के बाद रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय इलाकों में बुधवार तड़के सुनामी ने दस्तक दी। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि होक्काइडो के नेमुरो तट पर करीब 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली सुनामी लहर टकराई।

वहीं, रूस के कुरील द्वीप समूह के मुख्य शहर सेवेरो-कुरीलस्क में भी सुनामी की पहली लहर पहुंची। स्थानीय गवर्नर वालेरी लिमारेंको ने बताया कि तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर पहुंचा दिया गया है और वे खतरे के टलने तक वहीं रहेंगे।

हवाई के होनोलूलू में भी मंगलवार को सुनामी के सायरन गूंज उठे और लोगों से तत्काल ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की गई। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने चिली और सोलोमन द्वीप समूह के कुछ हिस्सों के लिए भी चेतावनी जारी की थी।

भूकंप का केंद्र और तबाही का मंज़र – रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास (TASS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र कामचटका क्षेत्र के सबसे बड़े शहर पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की के पास था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि डरे हुए लोग अपने घरों से बाहर सड़कों पर भाग आए। कई लोग बिना कपड़ों और जूतों के ही बदहवास हालत में दिखे। घरों के अंदर का मंजर भी भयावह था, जहां अलमारियां गिर गईं, खिड़कियों के शीशे टूट गए और इमारतें बुरी तरह कांप रही थीं। शहर में बिजली गुल हो गई और मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया, जिससे लोगों में और भी दहशत फैल गई।

सखालिन द्वीप पर भी स्थानीय अधिकारियों ने निवासियों को निकालना शुरू कर दिया है और आपातकालीन सेवाएं पूरी मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं।

भारत को कोई खतरा नहीं इस बीच, भारत के लिए राहत की खबर है। भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी केंद्र (ITEWC) ने बुधवार को एक बुलेटिन जारी कर स्पष्ट किया कि भारतीय तट पर सुनामी का कोई खतरा नहीं है। केंद्र ने कहा, ‘पूर्व-निर्धारित मॉडल परिदृश्यों के आधार पर भारत को कोई खतरा नहीं है।’

अलास्का और अमेरिकी पश्चिमी तट पर भी अलर्ट अलास्का स्थित राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र ने अलास्का के एल्यूशियन द्वीप समूह के कुछ हिस्सों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा, कैलिफोर्निया, ओरेगन, वाशिंगटन और हवाई सहित अमेरिका के पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है।

गौरतलब है कि यह क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है। इससे पहले जुलाई में भी कामचटका के पास समुद्र में 7.4 तीव्रता समेत पांच शक्तिशाली भूकंप आए थे। विशेषज्ञों के अनुसार, 7.5 से अधिक तीव्रता का भूकंप सुनामी को जन्म दे सकता है, जो तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाने की क्षमता रखती है। 1952 में कामचटका में आए 9.0 तीव्रता के भूकंप ने भारी नुकसान पहुंचाया था, हालांकि उस दौरान हवाई में 30 फीट ऊंची लहरें उठने के बावजूद किसी की जान नहीं गई थी।

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